रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में एक ही दिन Phd viva-voce: शिक्षाविद् दंपती बनाएंगे दुर्लभ शैक्षणिक संयोग

भोपाल, 21 दिसंबर 2025
: रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (RNTU), भोपाल में 22 दिसंबर 2025 को एक दुर्लभ शैक्षणिक संयोग देखने को मिलेगा, जब एक शिक्षाविद दंपती एक ही दिन अपने पीएचडी शोध-प्रबंधों का अंतिम विवा-वोसे (मौखिक परीक्षा) प्रस्तुत करेंगे। 

अबोली और अजय दोनों ने पुणे के विशेष संदर्भ में शोध किया

पुणे में कार्यरत शिक्षाविद दंपती डॉ. (शोधार्थी) अबोली निफाडकर-मिश्रा और डॉ. (शोधार्थी) अजय कुमार मिश्रा को एक ही विश्वविद्यालय में, एक ही पीएचडी सत्र (दिसंबर 2021) में प्रवेश मिला था। दोनों शोधार्थियों का मार्गदर्शन डॉ. रचना चतुर्वेदी द्वारा किया गया है। अबोली निफाडकर-मिश्रा का विवा प्रातः 11:30 बजे, जबकि अजय कुमार मिश्रा का विवा 12:30 बजे प्रस्तावित है। अबोली निफाडकर-मिश्रा का शोध विषय “महिला उद्यमी – डिजिटल मार्केटिंग रणनीतियों का उपयोग: व्यवसाय प्रदर्शन पर प्रभाव (पुणे के संदर्भ में)” है, जिसमें पुणे की महिला एमएसएमई उद्यमियों द्वारा डिजिटल टूल्स के उपयोग और उनके व्यावसायिक परिणामों का विश्लेषण किया गया है। वहीं अजय कुमार मिश्रा का शोध “शैक्षणिक हब्स में डिजिटल मार्केटिंग रणनीतियों का समालोचनात्मक अध्ययन (पुणे के विशेष संदर्भ में)” विषय पर केंद्रित है। 

इस शैक्षणिक उपलब्धि पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अबोली निफाडकर-मिश्रा ने कहा
“एक साथ पीएचडी करने से हमें अनुशासित और प्रेरित रहने में मदद मिली। हमारे शोध विषय अलग-अलग थे, लेकिन साझा अकादमिक यात्रा ने शोध और शिक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।”

वहीं अजय कुमार मिश्रा ने कहा,
“एक ही शोध-निर्देशक के मार्गदर्शन में और एक ही पीएचडी सत्र का हिस्सा होने से हमारी शोध प्रक्रिया सुव्यवस्थित रही। हालांकि, एक ही दिन विवा-वोसे प्रस्तुत करने का संयोग हमारे लिए अप्रत्याशित और भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण है।”

हालांकि दोनों का विवा-वोसे भोपाल स्थित रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में आयोजित किया जा रहा है, लेकिन दोनों शिक्षाविद वर्तमान में पुणे स्थित पिंपरी चिंचवाड़ विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक (Assistant Professor) के रूप में कार्यरत हैं। शिक्षण के साथ-साथ दोनों डिजिटल कौशल विकास, अकादमिक शोध और उद्योग से जुड़े व्यावहारिक प्रोजेक्ट्स में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। 

दंपती द्वारा संचालित ग्लोबलाइज स्किल्स फाउंडेशन नामक गैर-सरकारी संगठन के माध्यम से वंचित वर्ग के विद्यार्थियों को डिजिटल कौशल में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, उनकी कंपनी वेब गुरुकुल आईटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को डिजिटल मार्केटिंग सेवाएं उपलब्ध कराती है।

25 दिसंबर 2014, में विवाह बंधन में बंधे इस दंपती के लिए एक ही दिन पीएचडी विवा देना न केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि है, बल्कि उनके साझा अकादमिक सफर का महत्वपूर्ण पड़ाव भी है। विश्वविद्यालय और अकादमिक जगत में ऐसे उदाहरण अत्यंत दुर्लभ माने जाते हैं, जहां पति-पत्नी एक ही पीएचडी सत्र में प्रवेश लेकर, एक ही मार्गदर्शक के निर्देशन में, एक ही दिन विवा-वोसे प्रस्तुत करते हैं।
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