भोपाल, 13 दिसंबर 2025: एक अस्थाई कर्मचारी का नियमितीकरण होने के बाद उसकी पेंशन का निर्धारण किस आधार पर होगा। उसको ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत पेंशन मिलेगी या फिर नई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन दी जाएगी। इस विवाद का निपटारा मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा कर दिया गया है।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को बड़ी राहत
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जबलपुर बेंच ने 5 दिसंबर 2025 को रिट याचिका संख्या 23634/2021 में आदेश दिया कि लंबे समय से सेवा दे रहे वर्क चार्ज्ड और कंटिंजेंसी पेड कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत लाभ मिलेगा।
नियमितीकरण आदेश के नियम नंबर 10 को हाईकोर्ट में चुनौती
याचिकाकर्ता सफीक मोहम्मद और अन्य कर्मचारी 1981 से दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्यरत थे। 2013 में उनका नियमितीकरण हुआ, लेकिन आदेश में क्लॉज 10 के तहत उन्हें 2005 की कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम लागू की गई और 1979 के पेंशन नियमों से वंचित कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने इस क्लॉज को चुनौती दी।
कोर्ट ने पाया कि 1979 नियमों के अनुसार, ऐसे कर्मचारी जो 1981 के बाद रिटायर हो रहे हैं, 10 वर्ष सेवा पूरी करने पर स्थायी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त कर लेते हैं और पुरानी पेंशन के हकदार होते हैं। याचिकाकर्ताओं की सेवा 1991 में ही स्थायी हो चुकी थी, इसलिए 2005 स्कीम लागू नहीं की जा सकती।
नियमितीकरण आदेश का नियम नंबर 10 रद्द
जस्टिस दीपक खोट की बेंच ने क्लॉज 10 को रद्द कर दिया और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं को 1979 नियमों के तहत पेंशन, ग्रेच्युटी सहित सभी लाभ दिए जाएं। रिटायरमेंट की तारीख से बकाया राशि का भुगतान छह महीने में करना होगा, विलंब पर 6 प्रतिशत ब्याज लगेगा। पहले मिली किसी राशि को समायोजित किया जाएगा।
यह फैसला कई जुड़ी याचिकाओं पर भी लागू होगा और हजारों दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को फायदा पहुंचाएगा।
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