जबलपुर, 7 दिसंबर 2025: सैकड़ो करोड रुपए खर्च करके डेवलप किए गए जबलपुर के मदन महल रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा कर्मियों की कमी के कारण नरसिंहपुर की महिलाएं और बच्चे मालगाड़ी की चपेट में आ गया। इस एक्सीडेंट में एक महिला की मृत्यु हो गई जबकि दो मासूम बच्चे, एक युवती और एक महिला गंभीर रूप से घायल है। रेलवे पूरी ताकत के साथ यह साबित करने में जुटा हुआ है कि, इस एक्सीडेंट के लिए यात्री जिम्मेदार हैं।
एक्सीडेंट का शिकार हुए लोगों के नाम
हादसे में नरसिंहपुर जिले के मुड़िया गांव की 30 साल की पुष्पा सोनी की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें दो चार साल के मासूम बच्चे और एक दो साल का बच्चा भी शामिल है। घायलों के नाम हैं – शिवानी पटेल (22), नन्ही बाई (40), रीति पटेल (4), इंद्रजीत पटेल (2) और एक चार साल का बच्चा जिसकी अभी पहचान नहीं हो पाई है। एक बच्चे की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
जबलपुर प्रशासन ने बताया
सभी घायलों को RPF, GRP और स्थानीय पुलिस ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने अस्पताल प्रशासन को घायलों का पूरा इलाज देने के सख्त निर्देश दिए हैं। Additional SP आयुष गुप्ता, Additional SP पल्लवी शुक्ला, CSP रितेश शिव और SDM अनुराग सिंह खुद मौके पर पहुंचे और पूरी स्थिति का जायजा लिया।
RPF, GRP और पुलिस ने नहीं यात्रियों ने अस्पताल भिजवाया
प्लेटफॉर्म पर मौजूद वेंडर शुभम जैसवाल ने बताया कि अचानक तेज चीखें सुनाई दीं। जब तक कुछ समझ पाते, तब तक हादसा हो चुका था। उन्होंने दूसरे साथियों के साथ मिलकर घायलों को पटरी से उठाकर प्लेटफॉर्म तक लाया और ऑटो से अस्पताल भिजवाया।
मौत के बाद जांच शुरू
GRP थाना प्रभारी संजीवनी राजपूत के अनुसार यात्री प्लेटफॉर्म नंबर-4 पर जाना चाहते थे, लेकिन ब्रिज दूर लगने की वजह से उन्होंने शॉर्टकट लेने की कोशिश की। रेलवे अब इस बात की जांच कर रहा है कि स्टेशन पर चेतावनी अनाउंसमेंट ठीक से हो रहे थे या नहीं, भीड़ कंट्रोल में कोई चूक हुई या नहीं और सुरक्षा नियमों का पालन हुआ या नहीं।
घटना का विवरण
जबलपुर के मदन महल रेलवे स्टेशन पर जनशताब्दी एक्सप्रेस से उतरने के बाद मालगाड़ी की चपेट में आने वाला यह दर्दनाक हादसा शनिवार रात लगभग 10 बजकर 58 मिनट पर हुआ था। जहां जनशताब्दी एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर पहुंचने के ठीक बाद यात्री पटरी पार करने लगे थे। यदि सिक्योरिटी गार्ड तैनात होते तो यात्रियों को ऐसा करने से रोक सकते थे। यह एक्सीडेंट कर्मचारियों की कमी के कारण हुआ है।
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