भोपाल, 7 नवंबर 2025: हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश ने विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर को नोटिस जारी करके पूछा है कि उन्होंने अपना काम टाइम पर क्यों नहीं किया। जिस मामले में उन्हें 90 दिनों में डिसीजन लेना था, वह 16 महीने से पेंडिंग क्यों है।
बीना की विधायक निर्मला सप्रे के दल बदल का मामला
सागर जिले के बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती विधायक निर्मला सप्रे के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश सरकार और निर्मला सप्रे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की याचिका पर सुनवाई की। विधानसभा स्पीकर से पूछा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की गई? मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।
विधानसभा अध्यक्ष के वकील की दलील खारिज
विधानसभा अध्यक्ष के वकील ने तर्क दिया कि इस मामले की सुनवाई डिवीजन बेंच में नहीं हो सकती। इस तर्क को खारिज करते हुए कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी कर पूछा है कि निर्मला को दलबदल मामले में अयोग्य घोषित करने वाली याचिका पर 90 दिन में निर्णय करना चाहिए था, लेकिन 16 महीनों में निर्णय क्यों नहीं किया? कोर्ट ने 18 नवंबर तक विधानसभा अध्यक्ष, निर्मला सप्रे और एमपी सरकार से जवाब मांगा है।
फ्लैशबैक
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सागर जिले के राहतगढ़ कस्बे में सीएम डॉ. मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के हाथों भाजपा का गमछा गले में डाला। मंच से यह ऐलान किया गया कि निर्मला सप्रे ने बीजेपी जॉइन कर ली है। सप्रे ने भी कहा कि वे बीना के विकास के लिए बीजेपी के साथ आई हैं।
बीना विधानसभा में उपचुनाव होगा?
कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी की विधायक निर्मला सप्रे के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। कांग्रेस ने मांग की है कि निर्मला ने दलबदल किया है, इसलिए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए। यदि ऐसा हुआ तो बिना विधानसभा में उपचुनाव होगा। कांग्रेस पार्टी की ओर से दाखिल याचिका में बताया गया है कि, निर्मला लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 5 मई 2024 को राहतगढ़ में सीएम डॉ. मोहन यादव के कार्यक्रम में मंच पर पहुंची थीं।
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