भोपाल, 11 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्रामीण विकास की नई दिशा तय करते हुए सरपंचों को 25 लाख रुपये तक के कार्यों को स्वीकृति देने का अधिकार प्रदान करने की घोषणा की है। जंबूरी मैदान में आयोजित सरपंच संयुक्त मोर्चा सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में सरपंच ही ग्राम विकास के असली इंजन हैं। इनके माध्यम से ही राज्य में कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है, और अब पंचायतें स्वतंत्र रूप से गांवों को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकेंगी।
मध्य प्रदेश में पंचायत प्रतिनिधियों को ₹50000 विशेष धनराशि आवंटित
विकास की गति को तेज करने के लिए मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों को प्रत्येक के लिए 50 हजार रुपये की विशेष धनराशि आवंटित करने की भी घोषणा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि नगरीय निकायों की तर्ज पर पंचायतों को भी योजना निर्माण और execution में पूर्ण सशक्तिकरण मिलेगा। आगामी 24 से 26 नवंबर तक भोपाल में होने वाले पंचायत प्रतिनिधियों के कॉन्फ्रेंस में इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी। सम्मेलन स्थल पर सरपंच संघों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को भव्य स्वागत दिया और विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
राज्य सरकार ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के प्रति प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में तीनों स्तर की पंचायतों के लिए कार्यालय भवन और सामुदायिक हॉल की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में 2472 अटल पंचायत भवन, 1037 सामुदायिक भवन, 106 जनपद पंचायत भवन तथा 5 जिला पंचायत भवन स्वीकृत हो चुके हैं। इसके अलावा, गांवों के शांति धामों को अतिक्रमण मुक्त कर पहुंच मार्ग, फेंसिंग और हरियाली से सजाने के निर्देश दिए गए हैं, जिसका लक्ष्य दिसंबर 2026 तक पूरा करना है। पॉपुलेशन 5000 से अधिक वाली पंचायतों में दो सामुदायिक भवन उपलब्ध कराए जाएंगे।
आर्थिक सशक्तिकरण पर फोकस करते हुए मुख्यमंत्री ने वर्ष 2026 को कृषि आधारित उद्योग वर्ष के रूप में घोषित करने की बात कही। किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से सब्जी प्रसंस्करण इकाइयों का विस्तार हो रहा है, और युवाओं को horticulture तथा food processing में ट्रेनिंग दी जा रही है। पंचायत स्तर पर लघु, कुटीर और रोजगारोन्मुख उद्योगों को बढ़ावा देने की पहल जारी है। उन्होंने सरपंचों से अपील की कि वे श्रीराम वन गमन पथ के विकास में सक्रिय भागीदारी करें, जहां भगवान राम से जुड़े स्थलों की जानकारी साझा करें। इसी तरह, भगवान कृष्ण से संबंधित तीर्थ स्थलों को भी विकसित किया जाएगा। पंचायतें परंपरागत कर्तव्यों के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पशुपालन को प्राथमिकता दें, ताकि मध्य प्रदेश दूध उत्पादन में देश का नंबर वन राज्य बने।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इस अवसर पर सरपंचों की मांग पूरी करने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की पंचायतें देश का सबसे मजबूत रिकॉर्ड रूम बन सकती हैं। नदियों के उद्गम स्थलों वाले गांवों में सरपंच इनकी बेहतर maintenance को अपनी कार्ययोजना में शामिल करें। सम्मेलन में विभिन्न पंचायत संगठनों के अध्यक्ष और प्रतिनिधि उपस्थित थे, जो ग्रामीण मध्य प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य के प्रति उत्साहित नजर आए। यह पहल न केवल आत्मनिर्भर पंचायतों का निर्माण करेगी, बल्कि समृद्ध भारत के सपने को साकार करने में भी योगदान देगी।
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