इस प्रकार की घटनाएं आमतौर पर सामने आती रहती हैं। इनमें से ज्यादातर मामलों में FIR तक दर्ज नहीं होती क्योंकि फिजिकल रिलेशनशिप से पहले महिला की सहमति बन चुकी होती है। कई बार पुलिस भी महिला को कहती है कि इसमें जबरदस्ती कहां हुई है, मर्जी से बने संबंध बलात्कार नहीं होते लेकिन किसी महिला को नौकरी या महिला कर्मचारी को प्रमोशन का लालच देकर, फिजिकल रिलेशन के लिए उसकी सहमति प्राप्त कर लेना भी अपराध है। हम बताते हैं कि इस प्रकार के रेपिस्ट के खिलाफ किस धारा के तहत मामला दर्ज हुआ और कितनी सजा का प्रावधान है।
नेता हो या अधिकारी, FIR दर्ज होगी और आजीवन कारावास का प्रावधान है
भारतीय न्याय संहिता की धारा 69 में, फिजिकल रिलेशन के लिए छलपूर्वक महिला का विश्वास जीत लेना भी, बलपूर्वक किए गए रेप के बराबर ही गंभीर अपराध है। यहां बात केवल नौकरी या प्रमोशन के लालच की नहीं है बल्कि इसमें सभी प्रकार के छल शामिल हैं:-
- फिल्मों में काम दिलाने के का लालच देकर संबंध बनाना।
- देश विदेश में पर्यटन पर ले जाने का लालच देकर संबंध बनाना।
- आईफोन अथवा महंगे गिफ्ट का लालच देकर संबंध बनाना।
- पति अथवा परिवार में किसी अन्य व्यक्ति को नौकरी या प्रमोशन का लालच देकर संबंध बनाना।
कुल मिलाकर इस प्रकार का प्रत्येक फिजिकल रिलेशन जिसमें प्रेम नहीं है, बलात्कार की श्रेणी में माना जाता है। फिर चाहे इस प्रकार के रिलेशन में महिला की सहमति हो या ना हो। ज्यादातर मामलों में आजीवन कारावास का प्रावधान है।
BNS की धारा 69: छलपूर्ण साधनों, आदि का प्रयोग करके यौन संबंध
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 69 एक अत्यंत महत्वपूर्ण और नया प्रावधान है, जिसे विशेष रूप से महिलाओं के विरुद्ध होने वाले यौन शोषण के एक नए रूप को दंडित करने के लिए जोड़ा गया है। यह धारा उन मामलों से संबंधित है जहाँ यौन संबंध स्थापित करने के लिए धोखे या छल का प्रयोग किया जाता है। धारा 69 का शीर्षक है 'छलपूर्ण साधनों, आदि का प्रयोग करके यौन संबंध' ('Sexual intercourse by employing deceitful means, etc.')
सरल शब्दों में, यह धारा यह अपराध स्थापित करती है:
जो कोई भी व्यक्ति:
1. छलपूर्ण साधनों (deceitful means) का उपयोग करके; या
2. किसी महिला से शादी करने का वादा करके, जबकि उसका इरादा उस वादे को पूरा करने का न हो;
उस महिला के साथ यौन संबंध बनाता है, और यह यौन संबंध बलात्कार (Rape) का अपराध नहीं माना जाता है, तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को दंडित किया जाएगा।
यह धारा सुनिश्चित करती है कि शक्ति या भरोसे की स्थिति का दुरुपयोग न किया जाए।
"छलपूर्ण साधन" की परिभाषा
धारा 69 में एक स्पष्टीकरण (Explanation) दिया गया है, जिसमें "छलपूर्ण साधन" पद को परिभाषित किया गया है। इसमें निम्नलिखित कार्य शामिल हैं:
1. रोजगार या पदोन्नति का झूठा वादा (False promise of employment or promotion) देकर प्रलोभन देना।
2. पहचान छुपाकर शादी करना (Marrying by suppressing identity)।
यह प्रावधान विशेष रूप से उन लोगों को हतोत्साहित करने के लिए जोड़ा गया है जो महिला की सहमति प्राप्त करने के लिए शादी के झूठे वादे या पहचान छिपाने जैसे छलपूर्ण साधनों का उपयोग करते हैं। इस नए अपराध का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना है।
BNS की धारा 69 के तहत दंड प्रावधान
इस अपराध के लिए दोषी पाए गए व्यक्ति को:
• किसी भी प्रकार के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक बढ़ सकती है।
• वह जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा।
प्रासंगिक प्रावधान
• यह धारा BNS के अध्याय V में शामिल है, जो विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों से संबंधित है।
• धारा 72(1) के तहत, यदि कोई व्यक्ति धारा 69 के तहत अपराध का शिकार हुआ है, तो पीड़ित की पहचान (identity) को मुद्रित या प्रकाशित करने वाले किसी भी मामले को प्रकट करना दंडनीय है।
✍️लेखक: उपदेश अवस्थी, पत्रकार एवं विधि सलाहकार। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article.
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