Hindi News: लाडली बहना ने मोदी सरकार से सत्ता में अपना हिस्सा मांगा, सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली, 10 नवंबर 2025
: भारत में महिलाओं को हर महीने कैश ट्रांसफर के लिए लाडली बहना योजना मध्य प्रदेश से शुरू हुई थी। आज मध्य प्रदेश की ही एक लाडली बहना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा है कि उसे अपने भैया से गिफ्ट नहीं अधिकार चाहिए। लाडली बहना ने सरकार से सत्ता में अपना हिस्सा मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार को नोटिस जारी कर दिया है।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 तुरंत लागू करने की मांग

संसद द्वारा पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023, जो महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले 106वें संविधान संशोधन का हिस्सा है, अब एक कानूनी चुनौती के केंद्र में आ गया है। इस अधिनियम के एक प्रमुख प्रावधान को, जो परिसीमन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही इसे लागू करने की शर्त रखता है, दमोह निवासी श्रीमती जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (डायरी नंबर 30811/2025) के माध्यम से चुनौती दी है। याचिका में जोर दिया गया है कि संसद या विधानसभा द्वारा बनाया गया कोई भी कानून तत्काल प्रभावी होना चाहिए, न कि भविष्य के किसी निर्धारित चरण, जैसे 2029 के लोकसभा चुनावों के बाद।

राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं का औसत प्रतिनिधित्व मात्र 4 प्रतिशत

याचिका की प्रारंभिक सुनवाई जस्टिस बीआर नागरत्ना और जस्टिस पीवी महादेवन की बेंच ने की। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि भारत सरकार द्वारा अधिनियम को तुरंत लागू न करने का फैसला महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक अनावश्यक बाधा है। विशेष रूप से, विधि मंत्रालय के 2022 के आंकड़ों का हवाला देते हुए, याचिका में महिलाओं के विधायी प्रतिनिधित्व की वास्तविक स्थिति को रेखांकित किया गया है। इन आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं का औसत प्रतिनिधित्व मात्र 4 प्रतिशत है, जबकि उनकी जनसंख्या लगभग 50 प्रतिशत है। राज्यवार स्थिति निम्नलिखित है:
- आंध्र प्रदेश: 8.00%
- अरुणाचल प्रदेश: 5.00%
- असम: 4.76%
- बिहार: 10.70%
- छत्तीसगढ़: 14.44%
- गोवा: 7.50%
- गुजरात: 7.14%
- हरियाणा: 10.00%
- हिमाचल प्रदेश: 5.88%
- जम्मू-कश्मीर: 2.30%
- झारखंड: 12.35%
- कर्नाटक: 3.14%
- केरल: 7.86%
- मध्य प्रदेश: 9.13%
- महाराष्ट्र: 8.33%
- मणिपुर: 8.33%
- मेघालय: 5.08%
- मिजोरम: 0.00%
- नागालैंड: 0.00%
- ओडिशा: 8.90%
- पंजाब: 11.11%
- राजस्थान: 12.00%
- सिक्किम: 9.38%
- तमिलनाडु: 5.13%
- तेलंगाना: 5.04%
- त्रिपुरा: 5.00%
- उत्तराखंड: 11.43%
- उत्तर प्रदेश: 11.66%
- पश्चिम बंगाल: 13.70%
- दिल्ली (एनसीटी): 11.43%
- पुदुच्चेरी: 3.33%

इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए, बेंच ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय और विधि मंत्रालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, वरिष्ठ अधिवक्ता शोभा गुप्ता तथा अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने पक्ष रखा।

यह मामला न केवल महिलाओं के राजनीतिक अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि लोकतंत्र की गति को तेज करने की आधुनिक अपेक्षाओं को भी प्रतिबिंबित करता है। कोर्ट के फैसले का इंतजार अब पूरे देश की नजरों पर टिका है, जो लैंगिक समानता के इस प्रयास को नई गति प्रदान कर सकता है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!