भोपाल/पटना। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रमुख प्रचारक डॉ. मोहन यादव ने 8 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जनता के बीच गर्मजोशी भरी अपील की। उन्होंने बांका, मोतिहारी और गया जिलों की विधानसभाओं में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवारों के समर्थन में सभाएं कीं, जहां जनसमूह ने उनका स्वागत उत्साहपूर्ण तरीके से किया। डॉ. यादव ने बेलहर में मनोज यादव, पिपरा में श्यामबाबू यादव और बोधगया में श्यामदेव पासवान के पक्ष में वोट मांगते हुए कहा कि NDA ही विकास और समृद्धि का वाहक है। उन्होंने इसे धर्म-अधर्म की लड़ाई बताते हुए कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया, यह कहते हुए कि राहुल गांधी बिहार के चुनावी मैदान को छोड़ पचमढ़ी में छुट्टियां मना रहे हैं, जिससे कांग्रेस की स्थिति 'बिन दूल्हे की बारात' जैसी हो गई है।
मुख्यमंत्री को बिहार का एक विधानसभा क्षेत्र अपने घर जैसा लगा
डॉ. मोहन यादव की सभाओं में उमड़ी भीड़ ने स्थानीय उत्साह को नई ऊंचाई दी। जहां नजर दौड़ाई, वहां जनसैलाब ही नजर आया। कई लोग पोस्टर्स थामे NDA की जीत का नारा लगा रहे थे। बेलहर में उन्होंने भावुक होकर कहा, "यहां आकर लगा जैसे घर लौट आया हूं। आपका प्रेम और उत्साह दिल को छू गया। हमारे उम्मीदवारों ने शानदार काम किया है, और आपके आशीर्वाद से वे फिर विजयी होंगे।" उन्होंने NDA को 'दो भाइयों की जोड़ी' बताया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की डबल इंजन सरकार विकास की गारंटी देती है। भगवान श्रीकृष्ण के अर्जुन को दिए कर्मवाद के संदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि NDA के नेता—नीतीश कुमार, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी—जीत की ओर अग्रसर हैं। जनता का 'चुनावी तीर' निशाने पर लगेगा, और इसे कोई नहीं रोक सकेगा।
कांग्रेस के 'पापों' पर सवाल
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसान और जवान दोनों के कल्याण के लिए समर्पित हैं। "सीमा पर जवान जान की बाजी लगाते हैं, तो खेत में किसान पसीना बहाते हैं। दोनों की भूमिका समान है। लेकिन कांग्रेस ने लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद किसानों को सम्मान निधि या उचित सम्मान नहीं दिया। ये उनके पाप हैं, जो अब सिर चढ़कर बोल रहे हैं।" वहीं, NDA सरकार ने घर बैठे किसानों को लाभ पहुंचाया और जवानों के साथ समान व्यवहार किया।
डॉ. यादव ने आधुनिक भारत की ताकत पर जोर देते हुए कहा कि नक्सलवाद का अंतिम सलाम हो चुका है, और आतंकवाद के खिलाफ सेना 'घर में घुसकर मारने' की नीति पर चल रही है। "कांग्रेस के समय पाकिस्तान सैनिकों के सिर काटकर ले जाता था, और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौन रहते थे। आज मोदी जी के नेतृत्व में हम तीन बार दुश्मन को उसके घर में सबक सिखा चुके हैं। कांग्रेस को इससे शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए।"
कांग्रेस पर तीखा प्रहार, अपमान का हिसाब
डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस को 'मानसिक रूप से हार चुकी' बताया और राहुल गांधी पर व्यंग्य किया कि चुनाव बिहार में हैं, लेकिन वे पचमढ़ी में हैं। "भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म-अधर्म पर कहा, अन्याय का जवाब उसी भाषा में दो। देश तभी मजबूत होता है जब नागरिकों की सुरक्षा और हर वर्ग का कल्याण हो। मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में गरीब-किसान सब आगे बढ़ रहे हैं।" उन्होंने छठ महापर्व को 'ड्रामा' बताने वाले कांग्रेसियों के बिहार के लोगों के अपमान का जिक्र किया और 11 नवंबर को इसका हिसाब चुकाने की अपील की।
पिपरा में उन्होंने बिहार की जीवटता की तारीफ की, "बिहार जो करता है, सबसे अच्छा करता है। यहां की माताओं-बहनों की साधना से माहौल आनंदमय है। लेकिन कांग्रेस को हमारी संस्कृति से दुश्मनी क्यों? वे हमेशा बिहार का अपमान करते रहे हैं। जनता उन्हें सबक सिखाएगी।"
सभी वर्गों का कल्याण, NDA की प्राथमिकता
बोधगया में डॉ. यादव ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में NDA हर वर्ग के उत्थान के लिए काम कर रही है। "हर बच्चा आगे बढ़े, यही हमारा मिशन है। जो नेता चुनाव से पहले मैदान छोड़ दे, वह क्या जीतेगा? कांग्रेस हार के बाद EVM या चुनाव आयोग पर दोषारोपण करेगी, लेकिन जनता मोदी जी को जानती है। बिहार अब सुशासन का मॉडल है। डबल इंजन सरकार से विकास दोगुना होगा।" उन्होंने विपक्ष को खुली चुनौती दी कि NDA के नेता दिन-रात मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस भाग रही है।
यह चुनाव न केवल राजनीतिक, बल्कि सामाजिक बदलाव का प्रतीक बन चुका है। बिहार की जनता का फैसला निश्चित रूप से इतिहास रचेगा, जहां विकास, संस्कृति और सुरक्षा के मुद्दे प्रमुख हैं। NDA की यह मुहिम आधुनिक भारत की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती है।

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