भोपाल, 24 नवंबर 2025: आज तो भोपाल में बड़ा धमाकेदार माहौल है। कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में मोहन भैया (सीएम डॉक्टर मोहन यादव) ने “राज्य स्तरीय वॉटरशेड सम्मेलन” का शुभारंभ कर दिया। तीन दिन तक धूम मची रहेगी, 26 नवंबर तक पूरा जोश है। 2000 से ज्यादा सरपंच, जनपद वाले, जिला पंचायत वाले, सचिव, अफसर और बड़े-बड़े जल-विशेषज्ञ सब जुट गए हैं। थीम है “आत्मनिर्भर पंचायत, समृद्ध मध्यप्रदेश”!
मोहन भैया ने मंच पर आते ही सबके दिल जीत लिया
मोहन भैया ने मंच पर आते ही सबके दिल जीत लिया। बोले, “भाई, आज प्यासा कुएँ के पास नई आया... कुआँ खुद प्यासे के पास चला आया है!” याने सरकार अब गाँव-गाँव खुद दौड़ी चली आ रही है। पंचायतों की हर जरूरत पूरी करेगी, कोई कसर नहीं छोड़ेंगे! फिर बोले, “हमारे यहाँ ताल-तलैया, बावड़ी, कुआँ तो सदियों से थे, पर पहले लोग बस पूजा-पाठ करके छोड़ देते थे। हमने तीन महीना लगातार जल-गंगा संवर्धन अभियान चलाया, बूंद-बूंद सहेजी... और देखो, देश में नंबर वन पुरस्कार हमारा!” पूरा हॉल ताली पीट-पीट के गूँज उठा।
मोहन भैया ने जोरदार घोषणा की
- सरपंचों को 25 लाख तक खर्च करने का पूरा अधिकार।
- उपाध्यक्ष लोग जो स्कूल का निरीक्षण करेंगे, उसकी रिपोर्ट लिखी जाएगी, काम भी होगा।
- हर पंचायत में दिसंबर 2026 तक पक्का श्मशान घाट और सारी सुविधाएँ।
- सोलर पंप में 90% तक सब्सिडी।
- विदिशा से मास्टर प्लान शुरू, सारे गाँव चमकेंगे।
प्रह्लाद पटेल जी (ग्रामीण विकास मंत्री) भी मस्त जोश में बोले, “पंचायत ही देश की रीढ़ है भाई! नशा मुक्त गाँव बनाना हो, सेमी अर्बन डेवलपमेंट करना हो, सब आपके हाथ में है। पैसा तो बाद की बात है, इरादा पक्का होना चाहिए!”
और सबसे बड़ी खुशी की बात: पुरस्कार बटे
- खेत तालाब में – बालाघाट, अनूपपुर
गाँव अब आत्मनिर्भर बनने वाला है। मोहन भैया ने दिल से दिल तक बात पहुँचा दी – “भारत की आत्मा गाँवों में बसती है, और वो आत्मा अब जाग गई है।”

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