सीधी। पुलिस विभाग की एक महिला कांस्टेबल द्वारा ड्यूटी के दौरान ब्राह्मण समाज पर की गई विवादित टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी। इस मामले में सख्ती दिखाते हुए पुलिस अधीक्षक संतोष कोरी ने तत्काल कार्रवाई की है। वायरल वीडियो के आधार पर महिला कांस्टेबल अंजू देवी जायसवाल को 25 अक्टूबर को निलंबित कर दिया गया। वीडियो में महिला पुलिस कर्मचारियों ने इतने आपत्तिजनक शब्द का उपयोग किया है कि हम इस समाचार में वीडियो संलग्न नहीं कर पा रहे हैं।
महिला कांस्टेबल अंजू देवी जायसवाल ने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया
घटना की जड़ें 24 अक्टूबर को शहर के एक स्कूल में आयोजित गायिका शहनाज अख्तर के कार्यक्रम में हैं, जहां अंजू देवी की ड्यूटी लगी हुई थी। कार्यक्रम की शुरुआत होते ही उन्होंने ब्राह्मण समुदाय के प्रति अभद्र और अश्लील शब्दों का इस्तेमाल कर दिया, जो जल्द ही एक वीडियो के रूप में वायरल हो गया। इस वीडियो ने न केवल स्थानीय स्तर पर बहस छेड़ दी, बल्कि प्रशासन की छवि पर भी सवाल खड़े कर दिए। ब्राह्मण समाज के विभिन्न संगठनों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस आचरण की कड़ी निंदा की और पुलिस अधीक्षक से त्वरित न्याय की मांग की।
अंजू जायसवाल प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन में अमर्यादित व्यवहार की दोषी पाई गई
मामले का संज्ञान लेते हुए एसपी संतोष कोरी ने फौरन जांच के आदेश दिए। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया कि ड्यूटी के दौरान पुलिस वर्दी में यह अमर्यादित व्यवहार विभाग की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला था। इसे कदाचरण की श्रेणी में रखते हुए निलंबन का फैसला लिया गया। निलंबन अवधि के दौरान अंजू देवी का मुख्यालय रक्षित केंद्र, जिला सीधी निर्धारित किया गया है। उन्हें नियमानुसार जीवन-निर्वाह भत्ता मिलेगा, लेकिन वे एसपी की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगी और अपनी उपस्थिति को नियमित रूप से दर्ज कराना होगा।
यह कार्रवाई न केवल समाज में व्याप्त संवेदनशीलताओं का सम्मान करती है, बल्कि आधुनिक पुलिसिंग के मूल्यों, जैसे पारदर्शिता और जवाबदेही को भी मजबूत बनाती है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि ऐसी त्वरित प्रतिक्रिया से विभाग की विश्वसनीयता और बढ़ेगी।
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