ग्वालियर, 27 अक्टूबर 2025: मध्य प्रदेश में छिड़े बहुचर्चित कफ सिरप विवाद ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर अनूभूति शर्मा को निलंबित कर दिया गया है, और उनकी निलंबन पीरियड के दौरान मुख्यालय जिला गुना तय किया गया है। यह कार्रवाई नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन के प्रमुख दिनेश श्रीवास्तव के निर्देश पर हुई है, जो विभागीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
आरोपों के केंद्र में हैं सैंपलिंग प्रक्रिया से जुड़ी अनियमितताएं। सूत्रों के अनुसार, अनूभूति शर्मा पर दवाओं के नमूने लेने के साथ-साथ अन्य संबंधित कार्रवाइयों की कार्यालय प्रमुख को समय पर सूचना न देने का इल्जाम लगा है। याद रहे, ग्वालियर में एजिथ्रोमाइसिन सिरप के कथित खराब क्वालिटी के मामले में इन्हीं के द्वारा सैंपल कलेक्ट किए गए थे, जिसके बाद पूरे प्रदेश में इस दवा पर बैन लग गया था।
यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब सिविल सर्जन डॉ. राजेश शर्मा को एक मौखिक शिकायत मिली। उन्होंने तुरंत ड्रग इंस्पेक्टर को अलर्ट किया, और उसके आधार पर सैंपलिंग की गई। नतीजा? स्वास्थ्य विभाग ने एजिथ्रोमाइसिन सिरप पर statewide प्रतिबंध थोप दिया, जो पब्लिक हेल्थ को प्रोटेक्ट करने का प्रयास था। लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर कोई ऐक्शन नहीं हुआ, तो केवल ड्रग इंस्पेक्टर पर ही यह सख्ती क्यों? विशेषज्ञों का मानना है कि यह जांच प्रक्रिया को और मजबूत बनाने का संकेत है, ताकि फ्यूचर में ऐसी शिकायतें तुरंत और प्रभावी ढंग से हैंडल हो सकें।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि निलंबन के दौरान अनूभूति शर्मा को नियमित जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। इस केस ने एक बार फिर दवा नियंत्रण तंत्र की विश्वसनीयता पर बहस छेड़ दी है, और उम्मीद है कि जल्द ही पूरी सच्चाई सामने आएगी। हम लगातार इसकी अपडेट्स पर नजर रखेंगे।
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