छिंदवाड़ा, 26 अक्टूबर 2025: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। रविवार को पुलिस ने Sun Pharma कंपनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) सतीश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) अब यह उजागर करने पर जुटी है कि उन्होंने कितने डॉक्टरों को कमीशन दिया और लालच में आकर कितने डॉक्टरों ने इस जहरीली दवा को मरीजों को प्रिस्क्राइब किया। इस आधार पर पूरे प्रदेश में इस कंपनी के मेडिकल सेल्स रिप्रेजेंटेटिव से पूछताछ हो सकती है।
SIT की गहन जांच: कंपनी और डॉक्टरों पर नजर
SIT अब Sun Pharma कंपनी के ऑपरेशंस और MR द्वारा डॉक्टरों को दिए जाने वाले कमीशन की पूरी स्क्रूटनी करेगी। जांच का फोकस दवा डिस्ट्रीब्यूशन पर भी रहेगा, जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि किन-किन डॉक्टरों ने कमीशन के एवज में कंपनी की दवाओं को प्रेफर किया। यह कदम न सिर्फ मामले की जड़ तक पहुंचने में मददगार साबित होगा, बल्कि फार्मा इंडस्ट्री में ट्रांसपेरेंसी लाने की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है।
पिछली कार्रवाइयां: मेडिकल एजेंसी संचालक भी जेल की हवा खा चुके
इससे पहले, पुलिस ने अपना फार्मा नाम की मेडिकल एजेंसी के ओनर को गिरफ्तार किया था, जो जहरीले कफ सिरप 'कोल्ड्रिफ' को छिंदवाड़ा में सप्लाई करता था। डॉक्टरों की संलिप्तता की जांच भी जोरों पर है, जो इस केस को और जटिल बना रही है।
पुलिस की सतर्क रणनीति: हर कड़ी को जोड़ने का प्रयास
छिंदवाड़ा पुलिस इस केस की हर परत को धीरे-धीरे लेकिन दृढ़ता से खोल रही है। कंपनी ओनर, डॉक्टरों और अब MR की गिरफ्तारी से जांच का दायरा विस्तार पा रहा है। पुलिस के अनुसार, सतीश वर्मा की पूछताछ से यह स्पष्ट होगा कि कमीशन की लालच में किन डॉक्टरों ने मरीजों को यह खतरनाक दवा थमाई। यह कार्रवाई न केवल पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि हेल्थकेयर सिस्टम में विश्वास बहाल करने का भी प्रयास।
हम आशा करते हैं कि यह जांच जल्द ही पूर्ण न्याय सुनिश्चित करेगी, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई न जाए।
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