जब दुनिया जलवायु आपदाओं की बढ़ती लागत से जूझ रही है, उस बीच Systemiq और 20 अग्रणी अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा जारी नई रिपोर्ट ने दिखाया है कि जलवायु और प्रकृति आधारित रेज़िलिएंस (resilience) में निवेश केवल जीवन बचाने का नहीं, बल्कि एक बड़े आर्थिक अवसर का सवाल भी है।
Returns on Resilience शीर्षक वाली यह रिपोर्ट World Bank और IMF की सालाना बैठकों के दौरान जारी हुई और COP30 से पहले की सबसे व्यापक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट मानी जा रही है। इसमें कहा गया है कि अगर विकासशील देशों में लक्षित रेज़िलिएंस निवेश किए जाएँ, तो 2035 तक 280 मिलियन (28 करोड़) अतिरिक्त नौकरियाँ पैदा हो सकती हैं और 1.3 ट्रिलियन डॉलर सालाना का बाज़ार अवसर खुल सकता है।
अर्थव्यवस्था को संबल, न कि बोझ
रिपोर्ट के मुताबिक,
हर 1 डॉलर के रेज़िलिएंस निवेश पर कम से कम 4 गुना आर्थिक लाभ मिलता है।
इन निवेशों की औसतन वार्षिक रिटर्न दर 25% है।
अगर इन्हें विस्तार दिया जाए, तो 2050 तक कुछ देशों का GDP 15% तक बढ़ सकता है, और साथ ही सॉवरेन डेट जोखिम घटेगा।
सबसे अहम, ये लाभ उन 1–2 मिलियन अतिरिक्त मौतों को भी रोक सकते हैं, जो बिना जलवायु अनुकूलन के हर साल 2050 तक संभव हैं।
यह अध्ययन 120 संगठनों और 70 प्रमुख प्रकाशनों की जानकारियों पर आधारित है, जिनमें World Resources Institute और London School of Economics जैसे संस्थान शामिल हैं।
इनएक्शन की कीमत: $525 बिलियन की विकास हानि
रिपोर्ट चेतावनी देती है कि:
बिना कार्रवाई के जलवायु बदलाव की आर्थिक कीमत और भी अधिक होगी।
पिछले दो दशकों में तापमान और वर्षा में बदलाव ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं की कुल वृद्धि से $525 बिलियन घटा दिए हैं।
अगर यही रुझान जारी रहा, तो
2050 तक दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों को $1.2 ट्रिलियन सालाना का नुकसान झेलना पड़ सकता है।
वैश्विक GDP 18–23% तक घट सकता है।
इसके बावजूद,
हर $1 रेज़िलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च के मुकाबले $87 अब भी ऐसे प्रोजेक्ट्स पर लग रहे हैं जिनमें रेज़िलिएंस को शामिल नहीं किया गया है -
जैसे बाढ़ क्षेत्रों में इमारतें या समुद्र-स्तर बढ़ने से असुरक्षित बंदरगाह।
रिपोर्ट का प्रस्ताव: “बेस्ट बाय” रेज़िलिएंस इन्वेस्टमेंट्स
Systemiq के नेतृत्व में तैयार इस रिपोर्ट में 15 ऐसी प्राथमिक निवेश श्रेणियाँ चिन्हित की गई हैं जिन्हें “Adaptation and Resilience Best Buys” कहा गया है।
ये छह क्षेत्रों को कवर करती हैं - खाद्य, जल, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, सामुदायिक और व्यावसायिक रेज़िलिएंस, तथा प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र।
इनमें क्लाइमेट-स्मार्ट एग्रीकल्चर, मैंग्रोव रिस्टोरेशन, और अर्ली वार्निंग सिस्टम्स जैसे समाधान शामिल हैं, जो एक साथ रोज़गार, स्वास्थ्य, और खाद्य सुरक्षा सुधार सकते हैं।
COP30 का संदर्भ: अवसर से कार्रवाई की ओर
ब्राज़ील में होने वाली COP30 जलवायु वार्ता को रिपोर्ट ने “एक निर्णायक क्षण” बताया है।
इस बार सम्मेलन में adaptation और resilience को mitigation के बराबर प्राथमिकता दी जा रही है।
रिपोर्ट के लेखक और सहयोगी संगठनों ने कहा है कि यह समय “आपदा प्रतिक्रिया” से आगे बढ़कर “रेज़िलिएंस निर्माण” पर ध्यान केंद्रित करने का है,
ताकि जीवन, नौकरियाँ और अर्थव्यवस्था को भविष्य के झटकों से सुरक्षित किया जा सके।
वैश्विक नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
बान की-मून, संयुक्त राष्ट्र के आठवें महासचिव, ने कहा:
“रेज़िलिएंस में निवेश सिर्फ़ सुरक्षा का नहीं, बल्कि आर्थिक विवेक का प्रश्न है। यह विकास की नींव को मज़बूत करता है ताकि झटके उसे मिटा न सकें।”
वेरा सॉन्गवे, Liquidity and Sustainability Facility की चेयर, ने कहा:
“रेज़िलिएंस निवेश अर्थव्यवस्थाओं को रूपांतरित करने का अवसर देता है। यह न केवल जोखिम कम करता है बल्कि विकास और ऋण स्थिरता दोनों को मज़बूत करता है।”
पॉल पोलमैन, वैश्विक व्यवसाय नेता और परोपकारी, ने टिप्पणी की:
“रेज़िलिएंस को लागत नहीं, रणनीतिक निवेश के रूप में देखना चाहिए। यह लोगों, ग्रह और व्यापार - तीनों के लिए सुरक्षा कवच है।”
डॉ. पेप बार्डुइल, Bridgetown Initiative की डायरेक्टर, ने कहा:
“रेज़िलिएंस अब भी दुनिया की सबसे कम आँकी गई निवेश श्रेणी है। COP30 को इसे वैश्विक वित्तीय ढाँचे का केंद्र बनाना चाहिए।”
चलते चलते
Returns on Resilience यह दिखाती है कि जलवायु अनुकूलन में निवेश “खर्च” नहीं बल्कि “भविष्य की स्थिरता” का बीमा है।
हर डॉलर का निवेश न केवल जीवन बचा सकता है, बल्कि नौकरियाँ, वृद्धि और आत्मनिर्भरता का नया ढाँचा भी गढ़ सकता है।
रिपोर्ट: निशांत सक्सेना।