मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय ने अपने कर्मचारियों की समग्र शिक्षा में पदस्थापन को लेकर बड़ा बदलाव कर दिया है। प्रतिनियुक्ति का सिस्टम खत्म कर दिया है। इसके साथ ही जिला कलेक्टर को बड़ी पावर ट्रांसफर की गई है। आयुक्त द्वारा जारी किए गए आदेश की कॉपी इस समाचार में संलग्न है। पढ़िए पत्रकार मनोज शर्मा की रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा में BRC, CAC, DAC इत्यादि पदों पर प्रतिनियुक्ति नहीं होगी
लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश, भोपाल से जारी किए गए पत्र क्रमांक/टीएमसी/2025/347 भोपाल, दिनांक 10/09/2025 में आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने मध्य प्रदेश के समस्त कलेक्टर्स को संबोधित करते हुए लिखा है कि, समय-समय पर जिले में शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक संवर्ग के लोक सेवकों की सेवाएँ समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत विकासखण्ड स्रोत्र समन्वयक, जिला अकादमिक समन्वयक, विकासखण्ड अकादमिक समन्वयक, जनशिक्षक आदि पदों पर ली जाती हैं। अभी तक उपरोक्तानुसार कार्यवाही को प्रतिनियुक्ति की श्रेणी में मानते हुए की जाती रही है।
समग्र शिक्षा में पद स्थापना को प्रतिनयुक्ति नहीं कहा जाएगा: CPI शिल्पा गुप्ता
प्रतिनियुक्ति के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किये गये परिपत्रों/ निर्देशों एवं विभागीय स्थानांतरण नीति, 2022 की कंडिका 2.19 के प्रावधानों से स्पष्ट है कि 'प्रतिनियुक्ति' से तात्पर्य "एक विभाग से दूसरे विभाग में पदस्थापना" से है। समग्र शिक्षा अभियान परियोजना राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत संचालित है, जो कि स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों की सेवाएं स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत वस्तुतः एक विभागाध्यक्ष से दूसरे विभागाध्यक्ष के नियंत्रण में सौंपी जाती हैं। इस प्रक्रिया में 'प्रतिनियुक्ति' शब्द के प्रयोग से सेवा शर्तों के बारे में भ्रम की स्थिति निर्मित होती है। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा दिनांक 10/09/2025 को जारी निर्देश द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि विषयांकित कार्यवाही प्रतिनियुक्ति की श्रेणी में नहीं आती है एवं इस हेतु "प्रतिनियुक्ति" शब्द का उपयोग नहीं किया जाए।
स्कूल शिक्षा में शाला आवंटन के लिए कलेक्टर अधिकृत
वर्तमान में समग्र शिक्षा अभियान से निर्धारित कार्य काल या इसके पूर्व इनकी वापसी उपरांत शाला आवंटन के कार्य हेतु लोक शिक्षण संचालनालय को प्रस्ताव भेजे जाते रहे है। इस प्रक्रिया में कतिपय प्रकरणों में विलंब की स्थिति प्रकाश में आई है। इस स्थिति के दृष्टिगत शाला आवंटन हेतु त्वरित कार्यवाही के लिए एतद द्वारा जिला कलेक्टर को अधिकृत किया जाता है।
उपरोक्तानुसार समग्र शिक्षा अभियान के लिए सेवाएँ लेने एवं वापसी उपरांत शाला आवंटन संबंधी समस्त आदेश कलेक्टर के अनुमोदन उपरांत जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर एजुकेशन पोर्टल 3.0 के माध्यम से ऑनलाइन जारी किये जायेगे।
समग्र शिक्षा में नियुक्ति DPC और DEO की सहमति से होगी
समग्र शिक्षा अभियान के लिए सेवाएँ लेने हेतु (जिला परियोजना समन्वयक को छोडकर) समग्र शिक्षा अभियान की नियुक्ति समिति के निर्णय उपरांत प्रस्ताव जिला परियोजना समन्वयक द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को भेजे जाऐगे। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा एजुकेशन पोर्टल 3.0 में इसके लिए निर्धारित मॉडयूल से आदेश जारी किए जाऐगे।
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा में शाला आवंटन के नियम निर्देश
समग्र शिक्षा अभियान से वापसी उपरांत जिला कलेक्टर के अनुमोदन से शाला आवंटन के संबंध में निम्नानुसार कार्यवाही की जाएगी:-
शिक्षको को शाला आवंटन सर्वाधिक आवश्यकता वाली शालाओं में, पूर्ण पारदर्शिता के साथ किया जायेगा।
सर्वाधिक आवश्यकता का निर्धारण अधिक विधार्थी नामांकन, स्वीकृत पद एवं कार्यरत शिक्षकों के दृष्टिगत किया जायेगा।
उपरोक्त के अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित किया जाये कि ऐसे शिक्षक जो जिले में समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत या जिता प्रौढ शिक्षा कार्यालय अंतर्गत पूर्णकालिक रूप से कार्यरत हैं किन्तु एजुकेशन पोर्टल 3.0 पर अपडेट नहीं है, उनकी जानकारी पोर्टल पर अपडेट की जाये। ऐसे सभी शिक्षकों का वेतन आहरण भी उसी पद से किया जाये जिस पद पर संबंधित की सेवाएँ ली गई है। इस व्यवस्था से स्कूलों में ऐसे शिक्षकों के स्थान पर, जिनकी सेवाऐ सर्वशिक्षा अभियान इत्यादि में ली गई है, अतिथि शिक्षक व्यवस्था की जा सकेगी जिससे स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी।