मध्य प्रदेश के सबसे रईस विधायक श्री संजय पाठक के कारण मध्य प्रदेश के पांच जिलों के कलेक्टरों को The National Commission for Scheduled Tribes की ओर से चेतावनी सहित नोटिस जारी किया गया है। NCST ने 30 दिन के भीतर विधायक के खिलाफ जांच की रिपोर्ट मांगी है और नहीं देने पर कलेक्टर के खिलाफ समन की कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
चार आदिवासियों के नाम पर 1111 एकड़ जमीन खरीदी
मध्य प्रदेश की कटनी जिले में, विजयराघवगढ़ के विधायक श्री संजय पाठक, जो पहले कांग्रेस पार्टी के नेता थे और अपनी अवैध खदानों के खिलाफ कार्रवाई को रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे, आजकल जमीन खरीदी घोटाले के मामले में फंसे हुए हैं। इनके खिलाफ एक नई शिकायत सामने आई है। इसमें बताया गया है कि इन्होंने चार आदिवासियों के नाम पर 1111 एकड़ जमीन खरीदी। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने कटनी, जबलपुर, डिंडौरी, सिवनी और उमरिया जिलों के कलेक्टरों को चेतावनी सहित नोटिस जारी किया है।
इसमें लिखा है कि विधायक संजय पाठक के खिलाफ प्राप्त हुई शिकायत की जांच 30 दिवस के भीतर करके रिपोर्ट प्रस्तुत करें और यदि ऐसा नहीं करते हैं तो लापरवाही करने वाले कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। शिकायत में बताया गया है कि, गरीब आदिवासियों के बैंक खातों में संजय पाठक व उनके परिवार से जुड़ी हुई कंपनियों के द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध मनी ट्रांजैक्शन किया गया। इस मनी लॉन्ड्रिंग में बंगाल क्रेडिट कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड, महाकौशल प्लांटेशन, शारदा मां ट्रेडमार्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के नाम भी सामने आए हैं।
मामले की शिकायत कटनी के माई नदी निवासी समाजसेवी दिव्यांशु अंशू मिश्रा ने आयोग से की थी। आरोप है कि विधायक संजय पाठक द्वारा कटनी जिले के अपने चार आदिवासी कर्मचारियों के नाम पर डिंडौरी, जबलपुर, उमरिया, कटनी एवं सिवनी जिले में बैगा आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी कर अरबों रुपए कीमत की लगभग 1111 एकड़ जमीनें खरीदीं। इन चारों में से तीन नत्थू कोल, प्रहलाद कोल एवं राकेश सिंह गौड़ गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों की सूची में हैं।