Karmchari news: भारत सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों पर एक प्रतिबंध लगाया

Bhopal Samachar
भारत सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सख्त आदेश जारी किया है। जिसमें एआई टूल्स और एप्लीकेशन के इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाया गया। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किये गए आदेश के अनुसार अमेरिका के चैटजीपीटी, चीन के डीपसीक जैसे अन्य एआई टूल्स जिनका नियंत्रण भारत देश से बाहर हैं, उनका इस्तेमाल सरकारी उपकरणों (कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल आदि) पर नहीं किया जा सकता है।

AI अर्थात बेकाबू टेक्नोलॉजी: सरकारी रिकॉर्ड कंप्रोमाइज हो सकता है

संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार सिंह द्वारा जारी किये गए आदेश के अनुसार सभी सरकारी सिस्टम पर AI-आधारित एप्लिकेशन का इस्तेमाल करना देश के डेटा की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। इसलिए ऐसे टूल्स का इस्तेमाल आधिकारिक उपकरणों पर करने से बचने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश सभी सरकारी विभागों को भेजा जा चुका है। सभी AI-आधारित एप्लिकेशन और टूल्स पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। जिसके कारण साइबर हमले बढ़ सकते हैं और निजी जानकारी का बाहर गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। सरकारी जानकारियों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है।

बड़ी प्राइवेट कंपनियों ने भी प्रतिबंध लगा दिया है

AI-आधारित एप्लिकेशन और टूल्स को लेकर केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सवाल उठाए जा रहे हैं, केवल सरकारी कंपनियों में ही नहीं बल्कि कई निजी कंपनियों ने भी अपनी जानकारियों को सुरक्षित रखने के लिए ऐसे एआई टूल्स का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया। ChatGPT, DeepSeek जैसे AI मॉडल्स का निर्माण जिन देशों में किया गया हैं वहां ही यूजर्स की जानकारियां संग्रहित की जा रही है। ये सभी यूजर्स की जानकारियों को एक्सटर्नल सर्वर पर स्टोर कर रहे हैं। इसीलिए डेटा के लीक होने और कई लोगों के पास एक्सेस पहुंचने का ख़तरा भी बढ़ रहा है। इसलिए दुनियाभर की कई बड़ी-बड़ी कंपनियां भी ऐसे टूल्स के इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा चुकी है, ताकि उनके डेटा पर कोई भी सेंधमारी नहीं कर सके।

क्या सरकार कर्मचारियों के निजी उपकरणों पर भी लगा प्रतिबंध
सरकार द्वारा जारी किये गए आदेश में सरकारी उपकरणों का ही जिक्र किया है। सरकारी कर्मचारियों के निजी उपकरणों की जारी आदेश में जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि माना जा रहा है कि आने वाले समय में सरकार एआई के इस्तेमाल के लिए नई नीति का निर्माण कर सकती है।
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