कई बार कुछ Criminal, किसी व्यक्ति को Threat(धमकी ) देकर, उसके मन में भय (Fear)उत्पन्न करके, उसको कोई ऐसा काम करने के लिए Compelled कर देते हैं जो India में किसी कानून के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। इस प्रकार के Criminal मामलों में अपराधी को क्षमा कर दिया जाता है और Threat देने वाले अपराधी को punished किया जाता है।
Bharatiya Nyaya Sanhita,, 2023 की धारा 32, की परिभाषा
किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य निर्दोष (Innocent)व्यक्ति को fear, threat आदि देकर उसकी इच्छा के against कोई भी Crime करवाया जाता है। तब इस प्रकार का Crime BNS की धारा 32 के अंतर्गत क्षमा योग्य होगा।
BNS की धारा 32 में "धमकी" का अर्थ है, किसी व्यक्ति को किसी हानि या कष्ट के भय से भयभीत करना।
The Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 section 32, Punishment
Important Decisions:-
• Bachan Lal vs. State and Uma Dasi vs. Emperor मामले मे Supreme Court ने कहा कि किसी को मृत्यु का डर दिखाकर विवश करके कोई अपराध करवा लेता है वह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 94 (अब BNS की धारा 32 होगी)के अंतर्गत क्षमा योग्य होगा।
• Sonu Vs Samrat मामले मे Court द्वारा कहा गया की मृत्यु का भय तत्काल प्रभावी होगा, अगर आरोपी संरक्षण में यह बोलता है की एक दिन पहले मुझे मृत्यु का भय या धमकी दी थी तब यह IPC की धारा 94(अब BNS की धारा 32 होगी) के अंतर्गत बचाव नहीं होगा।
•इसी प्रकार Burke v. Clarkson मामले मे कहा गया कि अगर मृत्यु का भय दिखाकर किसी व्यक्ति की हत्या करने के लिए विवश किया गया है तब वह भारतीय दण्ड संहिता (अब BNS के अंतर्गत होगा) के अंतर्गत बचाव नहीं होगा।
✍️लेखक: बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार, होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।