मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह विरोध प्रदर्शन बिजली, खाद, बीमा,मुआवजा,भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ एवं किसानों की स्थानीय समस्याओ को सरकार तक पहुंचाने के लिए था लेकिन लैंड पुलिंग एक्ट पर केंद्रित हो गया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी इस बारे में बयान जारी किया है।
मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना के खिलाफ प्रदेश प्रदेश व्यापी?
भारतीय किसान संघ द्वारा मीडिया को सूचना दी गई थी कि प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय सहित भोपाल में बिजली, खाद, बीमा, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ एवं किसानों की स्थानीय समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा और प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। आज जब प्रदर्शन प्रारंभ हुआ तो मीडिया में पूरा मामला उज्जैन के लैंड पूलिंग एक्ट पर केंद्रित हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में करीब 17 गांवों के किसानों की जमीनों का स्थायी अधिग्रहण के खिलाफ पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बयान जारी किया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 के विकास कार्यों के लिए हमें सभी का समर्थन मिल रहा है। विकास के क्रम को बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सबके हितों का ध्यान रखते हुए और सभी से संवाद करते हुए राज्य सरकार लैंड पूलिंग सहित सभी प्रकार के विकास कार्यों के मार्ग पर अग्रसर हो रही है। प्रयागराज महाकुंभ के ऐतिहासिक आयोजन में करोड़ों लोगों के आगमन, व्यवस्था और उनके सुरक्षा प्रबंधन के दृष्टिगत केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने स्थायी संरचनाओं के विकास पर बल दिया था, इससे क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिला। उज्जैन में सिंहस्थ-2028 के लिए स्थायी निर्माण के संबंध में किसानों से संवाद जारी है, हम किसी को नाराज नहीं करना चाहते, राज्य सरकार सभी को साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। यहां क्लिक करके मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का पूरा बयान पढ़ सकते हैं। रिपोर्ट: शैलेंद्र पटेल। इस मुद्दे पर आपके विचार एवं प्रतिक्रियाएं कृपया इस समाचार के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए।