NEWS - मध्य प्रदेश में 6 शिक्षकों के नियम विरुद्ध ट्रांसफर स्थगित, वृद्ध रिश्तेदार की सेवा करने वाले कर्मचारी के ट्रांसफर पर पुनर्विचार का आदेश

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मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल नियम विरुद्ध और मनमाने फैसलों के लिए पूरे हाईकोर्ट में बदनाम है। पिछले दिनों हाई कोर्ट द्वारा ऐसे पांच ट्रांसफर स्थगित किए गए, जो या तो नियम और नीति के विरुद्ध थे या फिर शिक्षक को प्रताड़ित करने के लिए, अथवा किसी दूसरे शिक्षक को फायदा पहुंचाने के लिए ट्रांसफर किया गया था। 

छिंदवाड़ा: जिस स्कूल में कोई पदक नहीं था उसमें महिला शिक्षक का ट्रांसफर कर दिया

श्रीमती रोजबेला जॉर्ज, प्राथमिक शिक्षक, शासकीय बालक प्राथमिक विद्यालय, चंदन गांव, जिला छिंदवाड़ा में पदस्थ हैं। श्रीमती जॉर्ज का ट्रांसफर दिनांक 22/07/25 को शासकीय प्राथमिक विद्यालय, जयदेही धाना, ब्लॉक परासिया कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि दिनांक 01/05/25 को प्रतिबंध अवधि के दौरान, शासकीय प्राथमिक विद्यालय, चंदन गांव में श्री अमोद कुमार मालवंशी, प्राथमिक शिक्षक का ट्रांसफर, चार खेड़ा प्राथमिक विद्यालय से कर दिया गया था। जबकि, श्रीमती जॉर्ज की पूर्व पदस्थापना के कारण, चंदन गांव बालक में स्थान रिक्त नहीं था। स्थान रिक्त नहीं होने के कारण, संकुल प्राचार्य द्वारा श्री अमोद कुमार को जॉइनिंग नहीं दी गई थी। परंतु, उन्हें डीईओ कार्यालय में अटैच रखा गया था। प्रथम दृष्टया श्रीमती जॉर्ज का ट्रांसफर द्वेषपूर्ण था।  

ट्रांसफर आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में, श्रीमती जॉर्ज की ओर से पैरवी करते हुए, उच्च न्यायालय जबलपुर के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि श्रीमती जॉर्ज का ट्रांसफर पूर्णतः द्वेषपूर्ण है। प्रतिबंध अवधि में रिक्त स्थानों की पूर्ति हेतु ट्रांसफर मान्य है, परंतु किसी अन्य व्यक्ति को पदस्थ करने के उद्देश्य से किसी व्यक्ति को स्थानांतरित कर, पद रिक्त कर, उस पद को भरे जाने जैसे प्रयास पूर्णतः द्वेषपूर्ण हैं। सामान्य प्रशासन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग की ट्रांसफर नीति भी ऐसे ट्रांसफर को निषिद्ध करती है।  

अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी को सुनने के पश्चात, उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने स्कूल शिक्षा विभाग, आयुक्त, एवं डीईओ छिंदवाड़ा को नोटिस जारी कर तलब किया और ट्रांसफर आदेश दिनांक 22/07/25 पर स्टे कर दिया।  

टीकमगढ़: उर्दू शिक्षक का उर्दू छात्र-विहीन स्कूल में ट्रांसफर

श्रीमती बानो बेगम, सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। श्रीमती बानो बेगम का ट्रांसफर दिनांक 16/06/25 को गवर्नमेंट हाई स्कूल, टीकमगढ़ सीनियर बेसिक से गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल, खुशीपुरा, जिला टीकमगढ़ कर दिया गया था। ट्रांसफर आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में, श्रीमती बानो बेगम की ओर से अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष पैरवी करते हुए बताया गया कि शिक्षक की नियुक्ति उर्दू शिक्षक के रूप में की गई थी। बानो बेगम की पोस्टिंग ऐसे स्थान पर ही मान्य है, जहाँ उर्दू विषय के छात्र अध्ययनरत हैं। स्थानांतरित किए गए स्कूल में एक भी छात्र उर्दू का नहीं है। सुनवाई के बाद, कोर्ट ने डीईओ को आदेश जारी कर कहा कि ट्रांसफर प्रकरण का निराकरण तीस दिन के अंदर किया जाए। कोर्ट ने स्टे आदेश जारी करते हुए कहा कि निराकरण की अवधि में ट्रांसफर स्टे रहेगा।  

बच्चों की परीक्षा से पहले पेरेंट्स का ट्रांसफर नहीं कर सकते

श्री हेमराज मंगरूले, प्राथमिक शिक्षक के पद पर, जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत हैं। उनका ट्रांसफर दिनांक 16/06/25 को शासकीय प्राथमिक शाला, अक्लमा, ब्लॉक बिछुआ, जिला छिंदवाड़ा से शासकीय प्राथमिक शाला, नंदरामधना, ब्लॉक हर्राई, जिला छिंदवाड़ा कर दिया गया था। श्री हेमराज की ओर से ट्रांसफर प्रकरण में, उच्च न्यायालय जबलपुर के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय को बताया कि स्थानांतरित स्थान की दूरी 100 किलोमीटर से अधिक है। प्राथमिक शिक्षक की बेटी 11वीं कक्षा में अध्ययनरत है, मध्य सत्र में ट्रांसफर का निष्पादन नहीं हो सकता। उच्च न्यायालय ने सहायक आयुक्त को आदेशित किया कि वे ट्रांसफर प्रकरण का निराकरण करें, और उस अवधि में ट्रांसफर आदेश स्टे रहेगा।  

ट्रांसफर के कारण कोई पद रिक्त नहीं होना चाहिए

श्री संजय कुमार डौंडे, सहायक ग्रेड-3 के पद पर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रावणवारा, ब्लॉक परासिया, जिला छिंदवाड़ा में पदस्थ हैं। लिपिक का ट्रांसफर दिनांक 16/06/25 को रावणवारा से कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अमरवाड़ा, जिला छिंदवाड़ा कर दिया गया था। उच्च न्यायालय जबलपुर में लिपिक के ट्रांसफर के विरुद्ध याचिका में पैरवी करते हुए, अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि ट्रांसफर 80 किलोमीटर दूर किया गया है। श्री संजय कुमार डौंडे के ट्रांसफर के बाद, संस्था में कार्य हेतु कोई भी लिपिक शेष नहीं रहेगा। इसके अलावा, उनकी बुजुर्ग माँ की आँखों का ऑपरेशन हुआ है, और उनकी देखभाल की समस्या है। सुनवाई के बाद, डीईओ छिंदवाड़ा को आदेशित किया गया कि वे ट्रांसफर प्रकरण का निराकरण करें। उस दौरान ट्रांसफर स्थगित रहेगा।  

सागर में प्रताड़ित करने के लिए सहायक शिक्षक का रिटायरमेंट के पहले ट्रांसफर स्थगित

श्री सुशील कुमार पांडे, सहायक शिक्षक के रूप में पदस्थ हैं। श्री पांडे का स्थानांतरण दिनांक 16/06/25 को शासकीय प्राथमिक शाला, हिन्नौद, विकासखंड जयसिंहनगर, जिला सागर से शासकीय प्राथमिक शाला, गनेशगंज, जिला सागर कर दिया गया था। श्री पांडे की ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने स्वास्थ्य एवं रिटायरमेंट में कम समय शेष होने के बिंदु पर उच्च न्यायालय को संबोधित किया। सुनवाई के बाद, डीईओ सागर को आदेश जारी कर ट्रांसफर प्रकरण के निराकरण के निर्देश दिए गए। उक्त अवधि में ट्रांसफर स्टे रहेगा।  

वृद्ध रिश्तेदार की सेवा करने वाले कर्मचारी के ट्रांसफर पर पुनर्विचार का आदेश

श्री राहुल कुमार चौरसिया, सहायक ग्रेड-3 के पद पर, जनजातीय कार्य विभाग, सहायक आयुक्त, सिवनी में पदस्थ हैं। उनका ट्रांसफर दिनांक 16/06/25 को सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग, बालाघाट के कार्यालय से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उत्कृष्ट, परसवाड़ा, ब्लॉक परसवाड़ा कर दिया गया था। ट्रांसफर के विरुद्ध दायर याचिका में, पैरवी करते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट को संबोधित करते हुए कहा कि श्री चौरसिया की निसंतान 75 वर्षीय बुआ पेट की गांठ से पीड़ित हैं। श्री चौरसिया पर उनकी देखभाल की जिम्मेदारी है। सुनवाई के बाद, कोर्ट ने सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, बालाघाट को ट्रांसफर के विरुद्ध अभ्यावेदन पर निर्णय के आदेश दिए। उक्त अवधि में ट्रांसफर स्टे रहेगा।  

महिला शिक्षक अतिशेष नहीं फिर भी ट्रांसफर कर दिया

श्रीमती सुरेखा भागवत, प्राथमिक शिक्षक के रूप में, प्राथमिक विद्यालय, कोंडा सावली, जिला पांढुर्णा में पदस्थ हैं। उनका ट्रांसफर दिनांक 16/06/25 को माध्यमिक विद्यालय, खैरिबपाका, ब्लॉक पांढुर्णा, जिला पांढुर्णा कर दिया गया था। ट्रांसफर के विरुद्ध दायर याचिका में, उनकी ओर से पैरवी करते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता शाला में अतिशेष नहीं हैं। 78 वर्षीय बुजुर्ग सास की देखभाल की जिम्मेदारी उनके ऊपर है। उपरोक्त कारणों को विचार में रखते हुए, उच्च न्यायालय जबलपुर की एकल पीठ ने डीईओ पांढुर्णा को निर्देश दिया कि वे ट्रांसफर के विरुद्ध अभ्यावेदन का निराकरण करें। उस दौरान ट्रांसफर आदेश स्टे रहेगा।  
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