The largest study - संक्रामक रोग कब से शुरू हुए, कैसे पैदा हुए, किसने संक्रमण फैलाया, हर सवाल का जवाब

COVID सबसे लेटेस्ट संक्रामक रोग है, जिसने सारी दुनिया को लॉकडाउन कर दिया था। लेकिन यह ना तो पहले है और ना ही आखरी। इस प्रकार के संक्रामक रोगों का लंबा इतिहास है, जिसमें अरबों लोगों की मौत हो चुकी है। इस सिलसिले को कैसे रोका जा सकता है यह जानने के लिए संक्रामक रोगों (infectious diseases) के इतिहास पर सबसे बड़ा अध्ययन किया गया। इसके निष्कर्ष को जर्नल नेचर (journal Nature) में प्रकाशित किया गया है। 

Professor Eske Willerslev's study

एक नए अध्ययन (study) से पता चलता है कि हमारे पूर्वजों (ancestors) का पालतू जानवरों (domesticated animals) के साथ निकट सहवास (cohabitation) और बड़े पैमाने पर प्रवास (large-scale migrations) ने संक्रामक रोगों (infectious diseases) के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कैम्ब्रिज (Cambridge) और कोपेनहेगन (Copenhagen) विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर एस्के विलर्सलेव (Professor Eske Willerslev) के नेतृत्व में टीम ने यूरेशिया (Eurasia) के प्रागैतिहासिक मनुष्यों (prehistoric humans) से 214 ज्ञात मानव रोगजनकों (human pathogens) से प्राचीन डीएनए (ancient DNA) प्राप्त किया।

अकेले Plague ने यूरोप की 12% आबादी को मार डाला था

उन्होंने पाया कि जूनोटिक रोगों (zoonotic diseases) - जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियों (illnesses transmitted from animals to humans), जैसे हाल के समय में कोविड (COVID) का सबसे पुराना सबूत लगभग 6,500 साल पहले का है, और ये रोग लगभग 5,000 साल पहले अधिक व्यापक हो गए। अध्ययन में 5,500 साल पुराने नमूने में प्लेग बैक्टीरिया (plague bacterium), यर्सिनिया पेस्टिस (Yersinia pestis), का विश्व का सबसे पुराना आनुवंशिक निशान (genetic trace) पाया गया। मध्य युग (Middle Ages) के दौरान प्लेग (plague) ने यूरोप (Europe) की एक-चौथाई से आधी आबादी को मार डाला था।

इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने कई अन्य रोगों के निशान पाए, जिनमें शामिल हैं:  
  • मलेरिया (Malaria) (प्लास्मोडियम विवैक्स - Plasmodium vivax) - 4,200 साल पहले।  
  • कुष्ठ रोग (Leprosy) (माइकोबैक्टीरियम लेप्री - Mycobacterium leprae) - 1,400 साल पहले।  
  • हेपेटाइटिस बी वायरस (Hepatitis B virus) - 9,800 साल पहले।  
  • डिप्थीरिया (Diphtheria) (कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया - Corynebacterium diphtheriae) - 11,100 साल पहले। 

यह अब तक का संक्रामक रोगों (infectious diseases) के इतिहास पर सबसे बड़ा अध्ययन है और आज जर्नल नेचर (journal Nature) में प्रकाशित हुआ है।

37000 साल पुराने DNA का विश्लेषण किया

शोधकर्ताओं ने 1,300 से अधिक प्रागैतिहासिक मनुष्यों (prehistoric humans) के डीएनए (DNA) का विश्लेषण किया, जिनमें से कुछ 37,000 साल पुराने हैं। प्राचीन हड्डियों (ancient bones) और दांतों (teeth) ने बैक्टीरिया (bacteria), वायरस (viruses), और परजीवियों (parasites) से होने वाली बीमारियों के विकास में एक अनूठी अंतर्दृष्टि (unique insight) प्रदान की है।

संक्रामक बीमारियों से genetic adaptation भी हुआ


उन्होंने आगे कहा: “ये संक्रमण (infections) केवल बीमारी (illness) का कारण नहीं बने - इन्होंने जनसंख्या पतन (population collapse), प्रवास (migration), और आनुवंशिक अनुकूलन (genetic adaptation) में योगदान दिया हो सकता है।”

5000 साल पहले चरवाहों के माध्यम से संक्रमण फैला था

लगभग 5,000 साल पहले जूनोसिस (zoonoses) की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि उत्तर-पश्चिमी यूरोप (north-western Europe) में पोंटिक स्टेप (Pontic Steppe) - यानी वर्तमान यूक्रेन (Ukraine), दक्षिण-पश्चिमी रूस (south-western Russia), और पश्चिमी कजाकिस्तान (western Kazakhstan) के हिस्सों से - प्रवास के साथ मेल खाती है। इस प्रवास (migration) में शामिल लोग - जो काफी हद तक आज उत्तर-पश्चिमी यूरोप (north-western Europe) में पाए जाने वाले आनुवंशिक प्रोफाइल (genetic profile) को सौंपते हैं - यम्नाया चरवाहों (Yamnaya herders) से संबंधित थे।

ये निष्कर्ष टीकों (vaccines) के विकास और यह समझने के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं कि रोग (diseases) कैसे उत्पन्न होते हैं और समय के साथ उत्परिवर्तन (mutate) करते हैं।

अतीत को जानेंगे तभी तो भविष्य की योजना बना पाएंगे

“यदि हम समझते हैं कि अतीत में क्या हुआ, तो यह हमें भविष्य के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है। कई नए उभरते संक्रामक रोगों (emerging infectious diseases) की उत्पत्ति जानवरों (animals) से होने की भविष्यवाणी की गई है,” कोपेनहेगन विश्वविद्यालय (University of Copenhagen) में एसोसिएट प्रोफेसर मार्टिन सिकोरा (Associate Professor Martin Sikora) और रिपोर्ट के पहले लेखक (first author) ने कहा।

Old Mutations फिर से प्रकट होने की संभावना

विलर्सलेव (Willerslev) ने कहा: “पिछले समय में सफल रहे उत्परिवर्तन (mutations) फिर से प्रकट होने की संभावना है। यह ज्ञान भविष्य के टीकों (vaccines) के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें यह जांचने की अनुमति देता है कि क्या वर्तमान टीके (current vaccines) पर्याप्त कवरेज प्रदान करते हैं या उत्परिवर्तनों (mutations) के कारण नए टीकों को विकसित करने की आवश्यकता है।”

यूरोप और एशिया के लिए महत्वपूर्ण

नमूना सामग्री (sample material) मुख्य रूप से यूरोप (Europe) और एशिया (Asia) के संग्रहालयों (museums) द्वारा प्रदान की गई थी। नमूने आंशिक रूप से दांतों (teeth) से निकाले गए थे, जहां इनेमल (enamel) एक ढक्कन (lid) की तरह कार्य करता है जो समय के प्रभाव से डीएनए (DNA) को क्षरण (degradation) से बचा सकता है। बाकी डीएनए (DNA) मुख्य रूप से पेट्रोसा हड्डियों (petrosa bones) - मनुष्यों में सबसे कठोर हड्डी (hardest bone), जो खोपड़ी (skull) के अंदर स्थित होती है - से निकाला गया था।

शोध को लुंडबेक फाउंडेशन (Lundbeck Foundation) द्वारा वित्त पोषित (funded) किया गया था।

Reference: 
Sikora, M. et al: ‘The spatiotemporal distribution of human pathogens in ancient Eurasia.’ Nature, July 2025. DOI: 10.1038/s41586-025-09192-8

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