राजेश जयंत - मध्यप्रदेश में पर्यावरणीय मंजूरियों को लेकर असली जंग अब नीति, नियम और Transparency से आगे बढ़कर सरेआम 'Ego', वर्चस्व और सियासी रस्साकशी की बन गई है। SEIAA Chairman शिवनारायण सिंह चौहान और Principal Secretary नवनीत मोहन कोठारी के बीच का विवाद अब पूरी सरकारी मशीनरी, Media और Social Media में चर्चा का विषय बन चुका है। Chief Minister की सीधी चेतावनी के बावजूद दोनों अफसरों की सड़क पर आई तकरार ने प्रदेश Administration पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
मध्य प्रदेश में 450 से ज्यादा Environmental Clearances को लेकर विवाद
SEIAA Chairman शिवनारायण सिंह चौहान और Environment Department के Principal Secretary डॉ. नवनीत मोहन कोठारी के बीच 450 से ज्यादा Environmental Clearances को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। मई 2025 में बिना मुख्य बैठक के 237 से अधिक Projects को 'Deemed Permission' दे दी गई, जिसका Chairman ने जोरदार विरोध किया और इसे Transparency के खिलाफ करार देते हुए 'Selective Approval' की बात कही।
भोपाल में SEIAA Chairman का दफ्तर ही सील कर दिया
बात और बिगड़ गई जब 14 जुलाई को Chairman का दफ्तर ही सील कर दिया गया। सरकार इसे बिजली फॉल्ट का नतीजा बता रही है, जबकि शिवनारायण सिंह ने इसे Corruption उजागर करने की 'बदले की कार्रवाई' करार दिया। उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायतें CM, Chief Secretary, Central Government और PMO तक भेजीं, साथ ही FIR की मांग भी रखी।
CM मोहन यादव इस मामले में बड़ा Action ले सकते हैं
दूसरी तरफ, Principal Secretary के करीबी सूत्र Chairman पर भी Departmental Rules की अनदेखी और दबाव में फैसले लेने के आरोप लगा रहे हैं। कुल मिलाकर, मामला अब केवल Departmental Meetings या Clearances तक सीमित नहीं रहकर सरेआम सड़क पर 'Tu-Tu Main-Main' और Social Media पर चुटकुलों का कारण बन चुका है। Legal और Administrative गलियारों में चर्चा है कि विदेश दौरे से लौटते ही CM मोहन यादव इस मामले में बड़ा Action ले सकते हैं और फाइलें खंगाल रहे हैं। पूरे मामले ने प्रदेश में Environmental Transparency, Administrative Ethics और Bureaucratic Balance पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है।
SEIAA Chairman बनाम Forest Secretary
1. 450+ Environmental Clearances को लेकर SEIAA Chairman और Principal Secretary के बीच टकराव सड़क पर।
2. बिना निर्धारित बैठक के 237 से अधिक Projects को दी गई 'Deemed Permission' का कड़ा विरोध।
3. Chairman का दफ्तर सील होने से विवाद और बढ़ा, सरकारी कारण पर भी शक।
4. दोनों पर क्रॉस-आरोप: Corruption, Process Violation, Power Misuse।
5. जनता और Social Media में अफसरशाही की लड़ाई मजाक व चर्चा का विषय।
6. CM के लौटते ही सख्त Administrative Action की संभावना।
7. Department की साख, Transparency व Human Balance पर सवाल।
8. मामला Administrative 'Ego' और सियासी रस्साकशी का प्रतीक बन गया है।
भोपाल समाचार से जुड़िए |
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें |
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें |
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए यहां क्लिक करें |
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें |
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com |
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289 |