हम सब जानते हैं कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है और सूर्य के चक्कर लगाती है। हमारी घड़ी के अनुसार पृथ्वी का एक स्पिन 24 घंटे अर्थात 86,400 सेकंड का होता है, जिसे हम अपना एक दिन कहते हैं। पृथ्वी सूर्य का चक्कर 365 दिन में पूरा करती है, जिसे हम अपना एक वर्ष कहते हैं। वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड किया कि 9 जुलाई को पृथ्वी की spin speed अचानक बढ़ गई। इसके कारण दिन छोटा हो गया। जब से हम इंसानों ने पृथ्वी की speed को atomic clock से नापना शुरू किया है, तब से लेकर अब तक के इतिहास में यह सबसे छोटा दिन था। वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले 30 दिनों में ऐसा दो बार और होगा।
पृथ्वी की रोटेशन स्पीड को सबसे ज्यादा चंद्रमा प्रभावित करता है
अंतरिक्ष का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने बताया कि हम अपने दिन को 24 घंटे में नापते हैं, परंतु पृथ्वी हमेशा 86,400 सेकंड में अपना एक स्पिन पूरा नहीं करती। इसमें बहुत मामूली अंतर रहता है। पृथ्वी की spin speed को कई सारी चीजें प्रभावित करती हैं। इनमें चंद्रमा सबसे प्रमुख है। चंद्रमा के कारण समुद्र में tidal waves आते हैं। यह पृथ्वी की घूर्णन गति (Earth's rotation speed) को प्रभावित करता है। जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है, तब पृथ्वी की घूर्णन गति सबसे कम होती है। जब चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर होता है, तब पृथ्वी की घूर्णन गति सबसे ज्यादा होती है।
क्या पृथ्वी का एक दिन हमेशा से 24 घंटे का था?
4.5 अरब साल पहले पृथ्वी सिर्फ 3 घंटे में अपना एक रोटेशन पूरा कर लेती थी। जैसे-जैसे चंद्रमा ने पृथ्वी को प्रभावित करना शुरू किया, पृथ्वी की spin speed कम होती चली गई। 1960 के दशक से हम इंसानों ने atomic clock से पृथ्वी की घूर्णन गति को millisecond में नापना शुरू किया। तब हमें पता चला कि पृथ्वी की घूर्णन गति धीमी हो रही है। वैज्ञानिकों ने बड़ी चतुराई के साथ leap second जोड़कर समय के अंतर को समायोजित किया।
अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में 9 जुलाई 2025 को सबसे बड़ी घटना क्या हुई?
2020 से स्थिति उलट हो गई है। अब पृथ्वी की speed कम होने के बजाय बढ़ने लगी है। 9 जुलाई 2025 को पृथ्वी की spin speed अब तक के रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा थी। इस आधार पर पूर्वानुमान जारी किया गया है कि इसी महीने 22 जुलाई को और अगले महीने 5 अगस्त को फिर से ऐसा ही होगा। विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए जिज्ञासा का विषय है कि 22 जुलाई और 5 अगस्त को पृथ्वी की spin speed कितनी होगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह spin speed साल में दो-चार बार ही बढ़ेगी या हमेशा के लिए बढ़ जाएगी। सवाल यह भी है कि क्या हर साल speed इसी अनुपात में बढ़ती चली जाएगी। और सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि ऐसा हुआ, तो हमारे जीवन पर इसका क्या असर पड़ेगा।
करंट अफेयर्स - प्रतियोगी परीक्षा के विद्यार्थियों के लिए
प्रश्न 1: पृथ्वी की अपनी धुरी पर घूर्णन गति सामान्य रूप से भूमध्य रेखा पर कितनी होती है?
उत्तर: पृथ्वी की घूर्णन गति भूमध्य रेखा पर सामान्य रूप से लगभग 460 मीटर प्रति सेकंड (लगभग 1670 किलोमीटर प्रति घंटा) होती है।
प्रश्न 2: 9 जुलाई 2025 को पृथ्वी का दिन सामान्य से कितना छोटा था?
उत्तर: 9 जुलाई 2025 को पृथ्वी का दिन सामान्य 24 घंटों से 1.3 से 1.6 मिलीसेकंड छोटा था।
प्रश्न 3: मानव इतिहास में अब तक का सबसे छोटा दिन कब दर्ज किया गया?
उत्तर: मानव इतिहास में सबसे छोटा दिन 5 जुलाई 2024 को दर्ज किया गया, जब दिन सामान्य से 1.66 मिलीसेकंड छोटा था।
प्रश्न 4: पृथ्वी के घूर्णन में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों को मापने के लिए किस उपकरण का उपयोग किया जाता है?
उत्तर: पृथ्वी के घूर्णन में बदलावों को मापने के लिए atomic clocks का उपयोग किया जाता है, जो millisecond precision प्रदान करते हैं।
प्रश्न 5: पृथ्वी के घूर्णन को लंबे समय में धीमा करने का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर: पृथ्वी के घूर्णन को लंबे समय में धीमा करने का मुख्य कारण चंद्रमा का tidal friction है, जो हर सदी में दिन की लंबाई को लगभग 2 मिलीसेकंड बढ़ाता है।
प्रश्न 6: 9 जुलाई 2025 को पृथ्वी की घूर्णन गति में कितनी वृद्धि हुई थी?
उत्तर: 9 जुलाई 2025 को पृथ्वी की घूर्णन गति 464 मीटर प्रति सेकंड से बढ़कर लगभग 464.0032 से 464.0042 मीटर प्रति सेकंड के बीच थी।
प्रश्न 7: negative leap second क्या है, और यह क्यों लागू किया जा सकता है?
उत्तर: negative leap second तब लागू किया जाता है जब पृथ्वी का घूर्णन atomic time से आगे निकल जाता है, और इसमें Coordinated Universal Time (UTC) से एक सेकंड हटाया जाता है। यह अभी तक लागू नहीं किया गया है।
प्रश्न 8: पृथ्वी के घूर्णन में तेजी का एक कारण क्या था, जो 9 जुलाई 2025 को देखा गया?
उत्तर: 9 जुलाई 2025 को चंद्रमा का maximum declination, यानी भूमध्य रेखा से सबसे दूर होना, पृथ्वी की घूर्णन गति में तेजी का एक कारण था।
प्रश्न 9: यदि पृथ्वी की घूर्णन गति 25 साल तक उसी दर से बढ़ती रही, तो 2050 तक दिन की लंबाई में कितना अंतर हो सकता है?
उत्तर: यदि पृथ्वी की घूर्णन गति उसी दर से बढ़ती रही, तो 2050 तक दिन की लंबाई में 11.87 से 14.61 सेकंड का संचयी अंतर हो सकता है।
प्रश्न 10: International Earth Rotation and Reference Systems Service (IERS) का क्या कार्य है?
उत्तर: IERS पृथ्वी के घूर्णन और समय के उतार-चढ़ाव को ट्रैक करता है और leap seconds जोड़ने या हटाने का निर्णय लेता है ताकि civil time को पृथ्वी के घूर्णन के साथ संरेखित रखा जाए।