अमेरिकी संसद में 14 जुलाई से शुरू होने वाला सप्ताह "Crypto Week" के रूप में घोषित किया गया है, जिसमें digital assets और cryptocurrency से संबंधित तीन महत्वपूर्ण विधेयकों पर मतदान होगा। House Republicans ने इस सप्ताह को प्राथमिकता के रूप में चिह्नित किया है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी financial system में क्रिप्टोकरेंसी को मुख्यधारा में लाना है। आईए जानते हैं कि यदि अमेरिका में यह कानून लागू हो गए तो इसका भारत पर क्या असर पड़ेगा:-
भारत के UPI को प्रतिस्पर्धा मिलेगी
इन विधेयकों का भारत पर कई तरह से प्रभाव पड़ सकता है। सबसे पहले, यदि GENIUS Act और CLARITY Act पारित होते हैं, तो U.S. dollar-pegged stablecoins का global adoption बढ़ेगा। चूंकि 98% stablecoins U.S. dollar से pegged हैं, भारत जैसे उभरते बाजारों में इनका उपयोग बढ़ सकता है, खासकर cross-border payments और remittances के लिए। भारत, जहां डिजिटल पेमेंट सिस्टम जैसे UPI पहले से ही मजबूत हैं, stablecoins के साथ प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकता है।
भारत का e-Rupee मजबूत होगा
दूसरा, Anti-CBDC Surveillance Act के कारण U.S. में CBDC (Central Bank Digital Currency) का अभाव भारत के डिजिटल रुपये (e-Rupee) की स्थिति को मजबूत कर सकता है। भारत, जो पहले से ही digital rupee का पायलट प्रोजेक्ट चला रहा है, global financial system में अपनी currency को बढ़ावा देने का अवसर पा सकता है। हालांकि, U.S. stablecoins की बढ़ती लोकप्रियता भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए regulatory challenges पैदा कर सकती है, क्योंकि stablecoins का उपयोग sanctions evasion और illicit transactions के लिए भी हो सकता है।
Indian crypto industry को बढ़ावा मिलेगा
तीसरा, यदि U.S. में crypto market को mainstream legitimacy मिलती है, तो भारतीय crypto exchanges और investors को भी फायदा हो सकता है। भारत में cryptocurrency पर अभी तक स्पष्ट regulatory framework की कमी है। U.S. के इन कानूनों से प्रेरित होकर भारत सरकार भी crypto regulation को तेजी से लागू करने पर विचार कर सकती है, जिससे domestic crypto industry को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, Trump family के crypto ventures से जुड़े conflict of interest के मुद्दे भारतीय नीति निर्माताओं को सतर्क कर सकते हैं।
"Crypto Week" अमेरिकी financial system में क्रिप्टोकरेंसी को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत के लिए, यह global financial trends के साथ तालमेल बिठाने और अपनी digital currency रणनीति को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। हालांकि, RBI और सरकार को stablecoin adoption और illicit use के जोखिमों पर नजर रखनी होगी।
Disclaimer: यह लेख सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे कानूनी, कर, निवेश, वित्तीय या अन्य सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
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