Criminal law- समन के माध्यम से तलब किए गए आरोपी के प्रति मजिस्ट्रेट का कर्तव्य

जब किसी Summon cases में अपराध के Accused को Magistrate बुलाता है या उसे Magistrate के समक्ष उपस्थित (Present) किया जाता है तब Accused व्यक्ति को Crime के बारे में पता नहीं होता है क्योंकि समन संक्षिप्त (Brief) रूप से बना जाता है जिसने ज्यादातर Legal language में Crime की धाराएं (sections) लिखी जाती है जो आम व्यक्ति के समझ से बहार होती है, सवाल यह है कि Magistrate ऐसे cases में Accused को यह बताएगा कि उसने कौन-सा Crime किया हैं एवं इसके बचाव (Rescue) में वह क्या कहना चाहता है जानते हैं।

Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 की धारा 274 की परिभाषा

जब किसी Summons की तामील (Service) के उपरांत Accused मजिस्ट्रेट (Magistrate) के समक्ष उपस्थित होता हैं या लाया जाता है तब Magistrate द्वारा उसे अपराध की विशिष्टियां बताई जाएंगी जिसका उस पर आरोप लगाया गया है और Magistrate द्वारा पूछा जाएगा कि उस पर लगाया गया आरोप सत्य है या वह इस आरोप पर अपनी प्रतिरक्षा करना चाहता है।

साधारण शब्दों में अगर हम बात करें तो BNSS की धारा धारा 274 न्यायालय पर समन मामलों में यह कर्तव्य अधिरोपित करती है कि वह जैसे ही आरोपी न्यायालय के समक्ष हाजिर हो, उसे आरोपों के बारे में बताए एवं उसका अभिवचन दर्ज करे। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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