केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से संबंधित एक सवाल का गलत जवाब घोषित करने के कारण मध्य प्रदेश में बिजली कंपनी द्वारा 2000 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु आयोजित परीक्षा पर संकट आ गया है। हालांकि मध्य प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री के पद पर सिंधिया भक्त प्रद्युम्न सिंह तोमर विराजमान है परंतु मामला पॉलिटिकल नहीं है। पद्म पुरस्कार से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर भी गलत घोषित किया गया है। इसके कारण परीक्षा प्रक्रिया दोषपूर्ण हो गई है। हाई कोर्ट ने आदेश दिया है, पूरी भर्ती प्रक्रिया इस याचिका के निर्णय के अध्याधीन रहेगी। दो सवालों के गलत जवाब पर बिजली कंपनी की ज़िद के कारण, 2000 उम्मीदवारों को निर्धारित समय पर नौकरी नहीं मिलेगी यदि मिल गई तो खतरे में बनी रहेगी।
2000 से अधिक पदों पर नियमित भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी
मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर द्वारा प्रदेश की समस्त विद्युत कंपनियों और ट्रांसमिशन कंपनियों के 2000 से अधिक पदों की भर्ती के लिए दिनांक 09/12/2024 को विज्ञापन (Advertisement) जारी किया गया। इसमें कार्यालय सहायक (Office Assistant) के 818 पद, लाइन परिचारक (Line Attendant) के 1196 पद, कनिष्ठ अभियंता (Junior Engineer) के 237 पद, सहायक विधि अधिकारी (Assistant Law Officer), सहायक प्रबंधक (Assistant Manager), और संयंत्र सहायक (Plant Assistant) के पद शामिल हैं। इन पदों पर नियमित नियुक्तियों के लिए अभ्यर्थियों से 21/03/2025 को ऑनलाइन परीक्षा (Online Exam) आयोजित की गई।
परीक्षा के विवादित प्रश्न-उत्तर
परीक्षा एजेंसी ने उत्तर कुंजी (Answer Key) जारी की, जिसमें प्रश्न क्रमांक 16: “मध्य प्रदेश के किस लोक गायक को कई वर्षों तक मालवी बोली में मीराबाई और गोरखनाथ के भजनों के साथ-साथ कबीर भजनों को बढ़ावा देने के लिए पद्म पुरस्कार (Padma Award) से सम्मानित किया गया?” के चार विकल्प थे:
भूरी बाई
ओमप्रकाश शर्मा
भेरू सिंह चौहान
कालूराम बामनिया
सही उत्तर विकल्प 3: भेरू सिंह चौहान है, लेकिन परीक्षा एजेंसी ने विकल्प 4: कालूराम बामनिया को सही माना।
इसी प्रकार, प्रश्न क्रमांक 25: “दिसंबर 2024 में मध्य प्रदेश के किस केंद्रीय मंत्री ने सरकार के 100-दिवसीय एजेंडे के हिस्से के रूप में छह नए कार्यक्रम शुरू किए?” के चार विकल्प थे:
श्रीमती स्मृति ईरानी
श्री किरेन रिजिजू
श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया
श्री नरेंद्र सिंह तोमर
एजेंसी ने विकल्प 2: श्री किरेन रिजिजू को सही माना, जबकि सही उत्तर विकल्प 3: श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया है।
कंपनी को बताया लेकिन अधिकारी मानने को तैयार नहीं
सागर निवासी अर्पित साहू, सीहोर निवासी अजय कीर, और हिमांशु साहू ने प्रश्नों के उत्तरों में त्रुटि सुधार के लिए निर्धारित शुल्क (Fees) अदा कर साक्ष्यों सहित ऑनलाइन आपत्ति (Online Objection) दर्ज की, लेकिन भर्ती एजेंसी ने कोई सुधार नहीं किया। इसके बाद, याचिकाकर्ताओं ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) में याचिका क्रमांक 20332/2025 दायर की। इसकी प्रारंभिक सुनवाई (Preliminary Hearing) दिनांक 24/06/2025 को जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ द्वारा की गई।
ऊर्जा मंत्री को परवाह नहीं, अपनी ही धुन में रहते हैं
एक तरफ बिजली कंपनी के अधिकारी उम्मीदवारों के साथ अन्याय कर रहे थे। उम्मीदवार तमाम सबूत के साथ बार-बार बिजली कंपनी की गलती बता रहे थे लेकिन ऊर्जा मंत्री को इस बारे में कोई परवाह नहीं थी। मार्च में उन्होंने संकल्प लिया था कि बिजली बचाने के लिए, बिना प्रेस किए हुए कपड़े पहनेंगे। मंत्री जी इसी संकल्प की ब्रांडिंग करने में लगे हुए थे। निराशा उम्मीदवारों को हाई कोर्ट जाना पड़ा।
याचिका को विचारार्थ स्वीकार कर लिया गया और अनावेदक प्रमुख सचिव, ऊर्जा विभाग, वल्लभ भवन, भोपाल, मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, इंदौर, और एम.पी. ऑनलाइन के सीईओ (CEO) को नोटिस (Notice) जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया गया। साथ ही, उक्त समस्त भर्ती प्रक्रिया को याचिका के अंतिम निर्णय तक स्थगित (Pending) कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate) रामेश्वर सिंह ठाकुर और हितेंद्र कुमार गोह्लानी ने पक्ष रखा।