राहुल गांधी के दौरे के बाद स्वयं को प्रदेश अध्यक्ष की पोजीशन पर बनाए रखने के लिए जीतू पटवारी ने बैक-टू-बैक विवादित बयान बाजी शुरू कर दी है। केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ एक फोटो खिंचवाने के लिए दिल्ली तक दौड़ लगाने वाले जीतू पटवारी ने आज श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को "बारात का घोड़ा" कहा है।
राजनीति में बारात का घोड़ा का क्या मतलब होता है
राजनीति में भारत का घोड़ा ऐसे नेता को कहा जाता है जो हमेशा बारात यानी सत्ता में रहना चाहता है। सत्ता के लालच में पार्टी बदल लेता है। जिसकी अपनी कोई विचारधारा नहीं होती। जो लालची होता है। पहले इस तरह के नेताओं को "गद्दार" कहा जाता था। पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह, आज भी श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को "कांग्रेस पार्टी का गद्दार नेता" कहते हैं। लेकिन राहुल गांधी ने जुमला बदल दिया है। अब कांग्रेस में इस प्रकार के नेताओं को "बारात का घोड़ा" कहा जाने लगा है।
जीतू पटवारी ने क्या कहा
जीतू पटवारी ने आज, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में अपने कक्ष में, उनकी PR देख रहे हैं कुछ पुराने पत्रकारों से बात करते राहुल गांधी द्वारा कहे गए "बारात का घोड़ा" और "लंगड़ा घोड़ा" का अर्थ समझाया। उन्होंने बताया कि लंगड़ा घोड़ा का मतलब वह जो सत्ता के समय पार्टी के विभिन्न पदों पर रहा और लाभ उठाया लेकिन जैसे ही कांग्रेस पार्टी में संघर्ष का समय आया। वह पार्टी छोड़कर चला गया। "बारात का घोड़ा" का तात्पर्य है उन्होंने उदाहरण सहित समझाए और इस उदाहरण में सिंधिया एवं उनके समर्थकों के नाम लिया।
बाद में अपने इस व्याख्यान से उत्साहित होकर अपने मीडिया डिपार्मेंट की ओर से प्रेस रिलीज करवाया और PR पत्रकारों को दिए गए व्याख्यान को "सशक्त एवं भावनात्मक प्रेस वार्ता" का नाम दिया। विनम्र अनुरोध कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Madhyapradesh पर क्लिक करें। समाचार, विज्ञापन एवं प्रतिनिधित्व पूछताछ के लिए व्हाट्सएप, टेलीग्राम ईमेल के माध्यम से संपर्क करें।