मौसम, पांच राज्यों के 35 जिलों में बाढ़ का खतरा, IMD का हाई अलर्ट जारी - Weather forecast

IMD(caps)- भारत मौसम विज्ञान विभाग ने भारत के पांच राज्यों के 35 जिलों में बाढ़ का खतरा बताते हुए हाई अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटे में बाढ़ आ सकती है। इसलिए सावधान रहें और बाढ़ संभावित क्षेत्रों से दूर हो जाएं। सभी जिलों के प्रशासन से कहा गया है कि, इसके बारे में पब्लिक को तत्काल सूचित करें और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में पब्लिक का परिवहन रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम करें। खतरे की यह स्थिति कम से कम 30 जून तक बनी रहेगी।

मौसम का पूर्वानुमान, आकस्मिक बाढ़ चेतावनी, Flash Flood Alert

India Meteorological Department के अनुसार अगले 24 घंटों में निम्नलिखित क्षेत्रों में मध्यम से उच्च Flash Flood Risk (FFR) है:  
1. उच्च जोखिम वाले क्षेत्र (High Risk):  
हिमाचल प्रदेश: बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन, ऊना।  
उत्तराखंड: हरिद्वार, उत्तरकाशी, देहरादून, टेहरी गढ़वाल, पौरी गढ़वाल, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग।  
पश्चिम उत्तर प्रदेश: सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, ज्योतिबा फुले नगर।

2. मध्यम जोखिम वाले क्षेत्र (Moderate Risk):  
गांगेय पश्चिम बंगाल: पुरुलिया, बांकुड़ा, पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्वी मेदिनीपुर, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, नदिया।  
ओडिशा: बालेश्वर, देवगढ़, मयूरभंज, सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, केंदुझार।  
झारखंड: पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, रांची, गुमला, सरायकेला।

UPDATE - उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। 

मानसून की लेटेस्ट लोकेशन और गुड न्यूज़ 

आज29 जून 2025 को Southwest Monsoon ने पूरा देश ढक लिया है। राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा के बचे हुए हिस्से और दिल्ली के आसमान पर मानसून के बादल छा गए हैं। ये मानसून तो बड़ा तेज निकला! सामान्य तौर पर ये 8 जुलाई तक पूरे भारत को कवर करता है, लेकिन इस बार 9 दिन पहले यानी 29 जून 2025 को ही पूरे देश में बारिश का माहौल बना दिया है। 

पश्चिम उत्तर पश्चिम के लिए एक और बादलों का बेड़ा आने वाला है 

आज 29 जून 2025 को सुबह 5:30 बजे Indian Standard Time के हिसाब से, बंगाल की Northwest Bay of Bengal और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों पर मौसम ने करवट ली है। दक्षिण-पश्चिम बांग्लादेश और गंगीय पश्चिम बंगाल के मैदानों में Upper Air Cyclonic Circulation की वजह से एक Low Pressure Area बन गया है। ये Cyclonic Circulation समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला है। अगले दो दिन में ये धीरे-धीरे West-Northwest दिशा में बढ़ेगा और उत्तरी ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल और झारखंड के रास्ते गुजरेगा।  

West-Northwest में कौन से इलाके आते हैं?

जब मौसम की खबर में West-Northwest दिशा की बात होती है, तो इसका मतलब है कि ये Low Pressure Area पश्चिम और उत्तर-पश्चिम के बीच की दिशा में बढ़ेगा। इसका रास्ता कुछ इस तरह होगा:  

उत्तरी ओडिशा मौसम का पूर्वानुमान

ये इलाका बंगाल की खाड़ी के करीब है, जहाँ से Low Pressure Area आगे बढ़ना शुरू करेगा। खास तौर पर बालासोर, भद्रक, मयूरभंज, कटक, केंद्रपाड़ा, और जाजपुर जैसे जिले इस रास्ते में आ सकते हैं। यहाँ भारी बारिश (Heavy Rainfall) और तेज हवाओं का जोर रह सकता है, क्योंकि ये तटीय इलाके हैं।

गंगीय पश्चिम बंगाल मौसम का पूर्वानुमान

गंगा के मैदानी इलाके, जैसे पुरुलिया, बांकुड़ा, पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, नदिया, और उत्तर व दक्षिण 24 परगना, इस दिशा में पड़ते हैं। यहाँ Monsoon Rainfall का असर बढ़ेगा, और नदियों-नालों में पानी बढ़ने से Flood Risk हो सकता है।

झारखंड मौसम का पूर्वानुमान

Low Pressure Area जैसे-जैसे West-Northwest की ओर बढ़ेगा, झारखंड के पूर्वी और उत्तरी हिस्से, जैसे रांची, हजारीबाग, धनबाद, जमशेदपुर, पश्चिम सिंहभूम, और सरायकेला-खरसावां, इसके रास्ते में आएंगे।  यहाँ भी भारी बारिश (Heavy Rainfall) और Thunderstorms की संभावना है, जिससे खेत-खलिहानों में पानी भर सकता है। 

Weather warning for tourists traveling in Uttarakhand and Himachal - Char Dham Yatra

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश (Heavy to Very Heavy Rainfall) का अलर्ट जारी किया है। 29 जून 2025 से अगले कुछ दिनों तक इन पहाड़ी इलाकों में जोरदार बारिश, Flash Floods और Landslides का खतरा बना हुआ है। खासकर उत्तराखंड के देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और हिमाचल के शिमला, कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर जैसे जिलों में हालात गंभीर हो सकते हैं। Char Dham Yatra पर जाने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से अपील है कि नदी-नालों और पहाड़ी रास्तों से दूर रहें, क्योंकि सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं और Road Blockages का खतरा है। मौसम साफ होने तक सुरक्षित जगहों पर रुकें और स्थानीय प्रशासन की सलाह मानें।

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