जब पुलिस किसी व्यक्ति के खिलाफ प्रकरण दर्ज करती है, तो उसे आरोपी (Accused) कहा जाता है। FIR दर्ज होने के बाद पुलिस Investigation करती है और न्यायालय के समक्ष दावा करती है कि उसके पास पर्याप्त Evidence हैं, आरोपी ही अपराधी (Criminal) है। लेकिन इसकी पब्लिक में घोषणा नहीं की जाती है। पुलिस के उच्चतम अधिकारी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह किसी व्यक्ति को Criminal घोषित कर दे। यह निर्णय Court में लिया जाता है। आइए जानते हैं कि Sessions Court या District Court किस कानून के तहत किसी व्यक्ति को Criminal या Innocent घोषित करता है।
जब कोई मामला Sessions Court में Trial के लिए आता है और Magistrate को लगता है कि लगाए गए आरोपों के पीछे ठोस तथ्य (Solid Facts) हो सकते हैं, तो Prosecutors के Witnesses द्वारा सुनवाई शुरू की जाती है। Prosecutors के Evidences को प्रस्तुत किया जाता है, और Magistrate Accused को Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita (BNSS) की धारा 256 के तहत बचाव का अवसर देता है। इसके बाद Complainant और Accused दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद Magistrate अपना Judgment देता है। यह Judgment और संबंधित Orders BNSS के अंतर्गत दिए जाते हैं।
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 की धारा 258: परिभाषा
BNSS 258 के तहत Judgment of Acquittal or Conviction का प्रावधान है। इसका विवरण निम्नलिखित है:
किसी Criminal Case में बहस और कानूनी प्रश्नों को सुनने के बाद Magistrate अपना Judgment देता है। यह Judgment Acquittal (दोषमुक्ति) या Conviction (दोषसिद्धि) का हो सकता है।
यदि Accused को Conviction मिलती है, तो Magistrate, BNSS की धारा 401 (व्यक्ति के चरित्र की परख) के नियमों के अनुसार कार्यवाही करता है, जब तक कि विशेष परिस्थितियाँ न हों। इसके बाद Magistrate Accused को Punishment के प्रश्न पर सुनता है और कानून के अनुसार Sentence देता है।
अर्थात, जिस अपराध के लिए जो Punishment निर्धारित है, उसे लागू करने के लिए Magistrate Criminal को जेल भेज सकता है, सिवाय उन मामलों के जो BNSS की धारा 401 के अंतर्गत आते हैं। लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article.
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।