सोमवार दोपहर से Vat Amavasya और Vat Savitri Vrat के अवसर पर शहरों और गाँवों में Banyan Tree Worship के साथ यह महापर्व मनाया जा रहा है। इस क्षेत्र की परंपरा के अनुसार, सुबह से Vrat Preparations शुरू हो गई थीं। सुहागिन महिलाओं ने शुद्धता के साथ बेसन, आटा, गुड़ से मीठे और नमकीन बरबूटा बनाए। Vat Vriksh Puja पारंपरिक रूप से की गई, जिसमें कच्चा सूत (Raw Thread) वट वृक्ष पर बाँधकर परिक्रमा की गई और बरबूटा वृक्ष पर उछाला गया। बच्चों में बरबूटा लूटने की होड़ रही।
भारतीय संस्कृति में Vat Savitri Vrat का विशेष महत्व
भारतीय संस्कृति में Vrat-Tyohar का विशेष महत्व है, जो धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक, पारिवारिक और नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करते हैं। Vat Amavasya और Vat Savitri Vrat सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की Longevity, Health और Prosperity के लिए श्रद्धापूर्वक किया जाता है। यह व्रत Banyan Tree की पूजा से जुड़ा है और इसका पौराणिक महत्व अत्यंत समृद्ध है।
Vat Savitri Vrat Katha और पौराणिक महत्व
यह व्रत ज्येष्ठ अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, जिसे Vat Amavasya भी कहा जाता है। इसकी कथा महाभारत के 'वन पर्व' में वर्णित Savitri-Satyavan Story से जुड़ी है। सावित्री, राजा अश्वपति की पुत्री, ने तप, ब्रह्मचर्य और व्रतशीलता के बल पर धर्मनिष्ठ सत्यवान को पति चुना, जिसकी आयु अल्प थी। विवाह के बाद सावित्री को पता चला कि सत्यवान का जीवन एक वर्ष शेष है। नियत दिन, जब सत्यवान को मूर्छा आई और यमराज उनके प्राण लेने आए, सावित्री ने अपने Pativrata Dharma के बल पर यमराज को प्रसन्न किया। यमराज ने उन्हें पुत्र, सास-ससुर की दृष्टि, पिता का राज्य और सत्यवान का जीवन लौटाने का वरदान दिया। यह कथा Pativrata Dharma की पराकाष्ठा दर्शाती है।
Banyan Tree: त्रिदेवों का प्रतीक
Banyan Tree को Longevity, स्थायित्व और Health का प्रतीक माना जाता है। व्रती महिलाएँ Vat Vriksh Puja करती हैं, Raw Thread को पेड़ के चारों ओर लपेटती हैं और 7, 11 या 108 बार परिक्रमा कर पति की Longevity और Prosperity की कामना करती हैं। पूजा में हल्दी, कुमकुम, पुष्प, अक्षत, जल, फल-मिठाई आदि अर्पित किए जाते हैं। वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाया जाता है और Savitri-Satyavan Katha सुनी जाती है। धार्मिक ग्रंथों में Banyan Tree को ब्रह्मा, विष्णु और महेश (Tridev) का प्रतीक माना गया है।
Vat Vriksh: अक्षयत्व का प्रतीक
पुराणों के अनुसार, Banyan Tree की आयु अत्यंत दीर्घ होती है, जो Eternal Prosperity और Longevity का प्रतीक है। महाभारत में कहा गया है कि यह युगों-युगों तक जीवित रहता है, इसलिए सुहागिन महिलाएँ अपने पति के दीर्घ जीवन की कामना से इसकी पूजा करती हैं। ✒ कमल याज्ञवल्क्य, बरेली (रायसेन)।