जहां भारत, पिस्सू जैसे पड़ोसी से लड़ने में वक्त बर्बाद कर रहा है; अमेरिका, अपनी ही जनता पर टैक्स लगाकर अर्थव्यवस्था को ठीक करने का ड्रामा कर रहा है; वहीं चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसे कॉन्टैक्ट लेंस विकसित कर दिए हैं जो एक इंसान को सुपर हीरो बन सकते हैं। यह कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर जासूस दीवार के आर पार देख सकते हैं, डॉक्टर बिना मशीन के शरीर के अंदर देख सकते हैं, आर्मी के लोग अंधेरे में छुपे हुए अपराधियों को देख सकते हैं और यदि चीन ने यह कॉन्टैक्ट लेंस पाकिस्तान की आर्मी को दे दिए तो दुनिया भर में नया संकट पैदा हो सकता है।
मनुष्य 2500 नैनोमीटर के बीच की तरंगों को देख पाएगा
journal Cell पत्रिका में चीन की सरकार द्वारा अपने इस नए आविष्कार की घोषणा कर दी गई है। वैज्ञानिकों ने बताया कि मनुष्य की आंखें 400 से लेकर 700 नैनोमीटर के बीच तक की तरंगों को ही देख पाती है। जबकि उनका लेंस लगाने के बाद वही मनुष्य 2500 नैनोमीटर के बीच की तरंगों को देख पाएगा। वह सीसीटीवी कैमरा, टीवी के रिमोट अथवा किसी भी प्रकार के सेंसर से निकलने वाली इंफ्रारेड लाइट को भी देख पाएगा। चीन की University of Science and Technology, Fudan University and the University of Massachusetts Medical School की टीम ने मिलकर, पृथ्वी के दुर्लभ तत्वों का उपयोग करते हुए यह नई टेक्नोलॉजी डेवलप की है।
चश्मा पहने हुए हर व्यक्ति शक के दायरे में होगा
इससे पहले वैज्ञानिकों ने जानवरों पर इसका प्रयोग किया था। इसके लिए रेटिनल इंजेक्शन का उपयोग किया गया था। प्रयोग तो सफल रहा परंतु रेटिनल इंजेक्शन मनुष्य की आंखों में नहीं किया जा सकता है इसलिए कांटेक्ट लेंस डेवलप किए गए। भविष्य में इस टेक्नोलॉजी से चश्मे बनाए जाएंगे। एक तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले चश्मे आ गए हैं दूसरी तरफ 2500 नैनोमीटर वाले चश्मे आने वाले हैं। यानी 5 साल बाद चश्मा पहने हुए हर व्यक्ति शक के दायरे में होगा। क्या पता वह चश्मे से क्या देख रहा होगा।
चीन के कांटेक्ट लेंस से क्या फायदा होगा
- इंफ्रारेड लाइट देख सकते हैं। इसके कारण सीसीटीवी की निगरानी से बच सकते हैं। किसी भी प्रकार की लेजर लाइट से स्वयं को सुरक्षित कर सकते हैं। यदि यह लेंस सुरक्षा करने वाले सिपाही की आंख में है तो मानवता सुरक्षित है और यदि अपराधी की आंख में है तो मानव समाज खतरे में है।
- डॉक्टर की आंख में लगा दिया गया तो शरीर के अंदर देख सकते हैं। X-RAY और सीटी स्कैन जरूरत नहीं है। यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारी का पता भी लगा सकते हैं। लेकिन यदि मानव अंगों के तस्करों की आंख में लगा दिया गया तो, किडनैपिंग और हत्याओं की घटनाएं बढ़ जाएगी।
- रेस्क्यू टीम की आंख में लगा दिया गया तो प्राकृतिक आपदा अथवा मलवे के नीचे दबे हुए इंसानों को देख सकते हैं। उनकी जान बचा सकते हैं। इनकम टैक्स की टीम की आंख में लगा दिया तो काला धन मिल जाएगा। चोरों के आंख में लगा दिया तो कोई तिजोरी सुरक्षित नहीं बचेगी।
- सिपाही की आंख में लगा दिया तो वह रात के अंधेरे में दीवार के पीछे छुपे हुए अपराधी को भी पकड़ सकता है और यदि अपराधी की आंख में लगा दिया तो एनकाउंटर में सिपाही शहीद हो जाएगा।
कुल मिलाकर चीन का यह आविष्कार दुनिया में बहुत कुछ बदल सकता है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि, यह आविष्कार चीन की सरकार के लिए किया गया है। चीन की सरकार का लक्ष्य व्यापार होता है। वह दुनिया के सामने इस लेंस को खरीदने वालों की लिस्ट तक ओपन नहीं करेंगे।
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