MADHYA PRADESH जल गंगा संवर्धन अभियान, पढ़िए कितनी सफलता और कितना काम बाकी है - NEWS TODAY

भोपाल। मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार जल संरक्षण के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ पानी की प्रत्येक बूंद को सहेजने का कार्य कर रही है। इसके लिए शुरू किया गया Jal Ganga Samvardhan Abhiyan अब प्रभावी परिणाम दिखाने लगा है। मात्र एक महीने में सरकार और प्रशासन ने प्रदेश भर में जल से संबंधित 8,202 पुरानी संरचनाओं का संरक्षण पूरा किया है। इस अभियान का लक्ष्य 70,000 पुराने कुएं, तालाब और बावड़ियों को पुनर्जनन करना है। साथ ही, 31,857 farm ponds खोदे जा चुके हैं, जबकि कुल लक्ष्य 81,078 farm ponds का है। इसके अतिरिक्त, 34,171 कुओं को recharge किया गया है, और अभियान के अंत तक 1 लाख कुओं को recharge करने का लक्ष्य है। डॉ. मोहन यादव सरकार ने 932 Amrit Sarovars का संरक्षण और संवर्धन किया है, और अभियान के अंत तक 1,000 Amrit Sarovars के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। यह अभियान प्रदेश के 52 जिलों में युद्धस्तर पर चल रहा है, जहां सरकार और प्रशासन जल संरक्षण के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

Jal Ganga Samvardhan Abhiyan: Madhya Pradesh’s Mission to Save Water

Jal Ganga Samvardhan Abhiyan 30 मार्च से शुरू हुआ और 30 जून तक चलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे जनआंदोलन का रूप देने का आह्वान किया है, ताकि सभी मिलकर इसे सफल बनाएं। उन्होंने कहा, “जल हमारे जीवन का आधार है, और इसकी एक-एक बूंद को बचाना हमारा कर्तव्य है।” इस अभियान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता इतनी गहन है कि उन्होंने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को इसकी निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है, जो जल संरक्षण को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देता है।

Reviving Water Sources in Madhya Pradesh: Goals of Jal Ganga Samvardhan Abhiyan

इस अभियान का उद्देश्य मध्यप्रदेश के जल स्रोतों, नदियों, तालाबों, झीलों, पुराने कुओं, बावड़ियों और जल-धाराओं को पुनर्जनन करना है। इन स्रोतों को जीवित करने के बाद उनकी नियमित देखरेख और संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार ने जनभागीदारी को बढ़ावा देते हुए लोगों को water conservation के लिए प्रेरित किया है। बड़ी संख्या में लोग श्रमदान के माध्यम से जल संरक्षण में योगदान दे रहे हैं। जिला प्रशासन नदियों के किनारे देशी प्रजातियों के पौधे रोप रहा है, जिससे groundwater level बढ़ रहा है और मिट्टी का क्षरण रुक रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में roof water harvesting systems को अनिवार्य किया गया है। स्कूलों और कॉलेजों में water conservation पर जागरूकता के लिए रैलियां, निबंध प्रतियोगिताएं, जल संवाद और ‘Jal Prahari’ जैसी गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इसके अलावा, drone surveys, वैज्ञानिक watershed mapping, और groundwater recharge techniques का उपयोग भी किया जा रहा है।

Madhya Pradesh Jal Ganga Abhiyan: Cultural Initiatives and Community Impact

डॉ. मोहन यादव सरकार Jal Ganga Samvardhan Abhiyan के तहत Jal Deep Yatra, Jal Sankalp कार्यक्रम, और धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से लोगों को water conservation के प्रति जागरूक कर रही है। इन प्रयासों से जल संरक्षण का संदेश जन-जन तक पहुंच रहा है। एक महीने में ही हजारों जल स्रोत पुनर्जनन की दिशा में अग्रसर हुए हैं। आगामी बारिश के मौसम में इसके और सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे, जैसे groundwater level में सुधार, हरियाली में वृद्धि, और मिट्टी में नमी का बढ़ना। यह अभियान समाज की सोच को भी बदल रहा है, जिससे जल संकट को दूर करने की दिशा में सामूहिक चेतना जागृत हो रही है। सरकार ने digital monitoring और evaluation systems लागू किए हैं, जिसमें सभी गतिविधियों की GIS tracking और impact valuation किया जा रहा है।

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