कोई आम व्यक्ति किसी लोक-सेवक के विधिपूर्ण अधिकार की अवमानना करता है तब Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 की 206 से 225 तक दण्ड का प्रावधान किया गया है। कोई व्यक्ति न्यायालय में झूठा साक्ष्य पेश करे या झूठे कथन (शपथ), दस्तावेज, बयान, या किसी भी प्रकार फर्जी दस्तावेजों से न्यायालय द्वारा डिक्री, आदेश, आज्ञप्ति आदि प्राप्त कर लेता है, तब ऐसे व्यक्ति के खिलाफ शिकायत कौन कर सकता है एवं कहाँ कर सकेगा, कब उस पर संज्ञान लिया जाएगा। प्रश्न यह भी हैं कि क्या लोकसेवक इन अपराधों की शिकायत थाने में FIR द्वारा करेगा या न्यायालय में जानते हैं।
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 की धारा 215 परिभाषा
लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों के लिए और साक्ष्य में दिए गए दस्तावेजों से संबंधित अपराधों के लिए लोक सेवकों के विधिपूर्वक प्राधिकार के अवमान के लिए अभियोजन (Prosecution for contempt of lawful authority of Public servants for offences against public justice and for offences relating to documents given in evidence)
अगर किसी लोकसेवक (Public servant) के विधिपूर्ण Order की कोई व्यक्ति अवमानना करता है अर्थात Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 की धारा 206 से 223 तक के अपराध करता है (BNS की धारा 224 एवं BNS की 225 को छोड़कर) तब कोई प्राधिकार(Authority) रखने वाला Public servant संबंधित न्यायालय सिविल, राजस्व,(Civil, revenue,) दाण्डिक (Foreclosure) आदि में लिखित शिकायत (Written complaint) करेगा। उसकी शिकायत (Complaint) के बाद ही Court परिवाद पर संज्ञान लेगा।
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 की धारा 215 की उपधारा (2) लोक सेवक प्राधिकारी (Public servant authority) को यह Power देती है कि वह अपनी Complaint समझौता द्वारा वापस ले सकता है, लेकिन court ने Complaint पर Trial शुरू हो गया है तब लोक अधिकारी (Public officer) शिकायत (Complaint) वापस नहीं ले सकता है।
न्यायालय द्वारा परिवाद:- (Correspondence by the court)
अगर कोई व्यक्ति court में झूठा साक्ष्य (False evidence) देता है अर्थात झूठा कथन, आरोप, दस्तावेज, बयान, कपटपूर्ण (False statement, allegations, documents, statements, fraudulent) तरीक़े से Property का समपहरण, डिक्री, आदेश, आज्ञप्ति आदि (Summary, Decree, Order, Gift etc.) प्राप्त कर लेता है तब Court ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध उसके अपीली अधीनस्थ न्यायालय( Subordinate court) सिविल, दाण्डिक, राजस्व (Civil, foreclosure, revenue) Court में परिवाद पेश करेगा।
नोट:- कोई भी न्यायालय या अपीली (Appellate) अधीनस्थ न्यायालय किसी भी मामले का संज्ञान (Attention) लोक सेवक (Public servant) की Complaint पर या न्यायालय के परिवाद पर लगा। इस प्रकार के Crime की शिकायत (Complaint) Public servant द्वारा FIR द्वारा पुलिस थाने में नहीं कि जाती है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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