INDORE NEWS - जयपुर में किडनैप हुआ व्यापारी या टंटे की जड़ उधारी

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है। कपड़ा व्यापारी पवन जैन की शिकायत पर जयपुर में उन्हें किडनैप किए जाने का मामला दर्ज किया गया। किडनैप करने वालों ने ₹300000 फिरौती मांगी है। समाचार लिखे जाने तक पवन जैन मुक्त नहीं हुए हैं परंतु सवाल यह है कि, क्या सचमुच यह एक किडनैपिंग है या फिर उधारी यानी व्यापारिक लेनदेन को लेकर कोई विवाद हुआ है और उधारी की वसूली के लिए आपराधिक धमकी का उपयोग किया गया है। 

किडनैपर ने बैंक अकाउंट नंबर दिया

कपड़ा व्यापारी पवन जैन की पत्नी आरती मंगलवार को थाने पहुंची। पुलिस को बताया- पति पवन जैन 19 फरवरी से जयपुर गए हैं। उनसे मोबाइल पर दिन में दो-तीन बार बात हो रही थी। मंगलवार सुबह उनके मोबाइल से कॉल आया। जब फोन उठाया तो किसी दूसरे युवक ने बात की। कहा कि हमने पवन का अपहरण कर लिया है। बाद में उसने पति पवन से भी बात कराई। इसके बाद पवन के हाथ से मोबाइल छीनते हुए कहा कि मैं तुम्हें अकाउंट नंबर दे रहा हूं, उसमें तीन लाख रुपए जमा करा दो।

पवन जैन पचोर के रहने वाले हैं

आरती ने बताया- बदमाश ने धमकी देते हुए कहा कि रुपए नहीं दिए और पुलिस से शिकायत की तो पति की हत्या कर देंगे। पवन मूलतः राजगढ़ के पचोर का रहने वाला है। एक बेटा और एक बेटी हैं। महिला की शिकायत पर पुलिस ने पवन जैन का मोबाइल सर्विलांस पर डाल दिया है। एक टीम जयपुर के लिए रवाना कर दी गई है। एसीपी विवेक सिंह का कहना है कि अभी तक उन्हें इस मामले में जानकारी नहीं है।

यह पूरा घटनाक्रम कुछ प्रश्नों को भी जन्म देता है। जिसका उत्तर मिलना आवश्यक है। यदि पवन जैन को बंधक बनाने वाले सचमुच अपराधी है तो यह गंभीर चिंता का विषय है लेकिन यदि आरोपी भी जयपुर के व्यापारी है तो बात थोड़ी सी बदल जाती है। 
  1. सबसे बड़ा सवाल कि सिर्फ ₹3 लाख फिरौती क्यों मांगी गई। 
  2. श्रीमती पवन जैन ने एक तरफ मामला दर्ज करवाया है तो दूसरी तरफ मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया, ऐसा क्यों। 
  3. इंदौर पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। एसीपी विवेक सिंह के पास तो मामले की डिटेल तक नहीं थी, ऐसा क्यों। 
  4. किडनैप करने वाले ने अपना बैंक अकाउंट नंबर क्यों दिया। 

व्यापारियों के मामले में अफसर उधारी की वसूली को लेकर इस तरह की लड़ाई झगड़े होते रहते हैं। व्यापार के दौरान कई बार विश्वास के आधार पर बिना कोई कानूनी लिखा पड़ी के उधारी का लेनदेन हो जाता है। बाद में जब हिसाब किताब होता है तो झगड़ा बन जाता है। सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि, इस घटना में ऐसा कोई एंगल तो नहीं है।

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