EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के अभ्यर्थियों को मध्य प्रदेश में शिक्षक चयन परीक्षा के बाद भारत की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2025 में 5 साल की छूट मिलेगी। यह आदेश जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश द्वारा दिया गया है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता कपिल सिब्बल थे लेकिन यह आदेश अधिवक्ता धीरज तिवारी की दलीलों के बाद शिक्षक चयन परीक्षा मामले के कारण जारी हुआ।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा में EWS उम्मीदवारों को 5 साल की छूट
जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश में मैहर जिले के रहने वाले आदित्य नारायण पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर EWS कैंडिडेट के लिए राहत की मांग की थी। अभी तक EWS वर्ग के उम्मीदवारों को आयुसीमा में छूट नहीं दी जाती थी और वह अधिकतम 6 अटेंप्ट दे सकते थे। हाईकोर्ट ने UPSC से कहा है कि याचिकाकर्ता सहित सभी समान स्थिति वाले उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार किए जाएं, भले ही वे वर्तमान योग्यता या आयु मानदंडों को पूरा न करते हों। यह फैसला सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों पर आधारित है, जिससे EWS वर्ग के उम्मीदवारों को अन्य आरक्षित वर्गों के समान अवसर मिल सकेंगे। बता दें कि 2025 में 979 पदों के लिए यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा 25 मई को आयोजित की जाएगी। इस मामले में याचिककर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल प्रस्तुत हुए। उन्होंने 10 फरवरी के आदेश का हवाला दिया, जिसमें अधिवक्ता धीरज तिवारी द्वारा पैरवी की गई थी।
EWS को सभी परीक्षाओं में समान आरक्षण लाभ मिलेगा
इस फैसले के बाद सुनिश्चित हो गया है कि, EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) उम्मीदवारों को सभी प्रकार की परीक्षाओं में समान आरक्षण का लाभ मिलेगा। आपसे पहले तक उन्हें केवल रिक्त संख्या में आरक्षण का लाभ मिल रहा था। इस आदेश के बाद उन्हें आयु सीमा एवं अन्य प्रकार के लाभ भी मिलेंगे।
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