MP NEWS - तहसीलदारों की हड़ताल बेअसर, राजस्व मंत्री बयान पर कायम, हड़ताल की भर्त्सना की

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मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने आष्टा की तहसीलदार चंचल जैन पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि, नियम के अनुसार बटांकन करने के बदले में महिला तहसीलदार द्वारा ₹50000 रिश्वत की मांग की गई। शिकायत मिलने पर मैंने कार्रवाई नहीं की बल्कि किसान का काम कर देने के लिए कहा था। राजस्व मंत्री ने तहसीलदारों द्वारा की गई 3 दिन की हड़ताल की निंदा की और अपनी बात पर कायम रहे। हड़ताल कर रहे तहसीलदारों का कहना है कि राजस्व मंत्री ने महिला तहसीलदार का अपमान किया है। 

महिला तहसीलदार चंचल जैन पर राजस्व मंत्री ने गंभीर आरोप लगाए

मध्य प्रदेश के तहसीलदार 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर हैं। बीते गुरुवार को इछावर के महोडिया गांव में मंत्री करण सिंह वर्मा ने रिश्वतखोरी की शिकायतों पर तहसीलदार चंचल जैन को लेकर कहा था कि "अब तहसीलदार को जिले से ही भगा देंगे"। राजस्व अधिकारी संघ द्वारा की गई है हड़ताल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि, सब तहसीलदार नाराज नहीं हो रहे हैं। जो नियम कानून का अपमान करता है वही नाराज होता है। मामला आष्टा का है। वहां का एक किसान अपना बंटाकन चाह रहा था। चूंकि मैं तो यहां (भोपाल आवास पर) रोज दो-तीन घंटा बैठता हूं। तो कोई भी यहां समस्या लेकर आता है। उसने कहा मुझसे ₹50000 की मांग की जा रही है। मैंने पूछा कितने पैसे दे दिए? तो उसने कहा ₹10000 में दे चुका हूं। मैंने उनसे (तहसीलदार) कहा, बेटा मैं राजस्व मंत्री बोल रहा हूं। उनका बटांकन कर दीजिए। आपकी समय अवधि 45 दिन है। चार महीने से ज्यादा हो गए। मैं इनको भेज रहा हूं। तो वो उस किसान से कहती हैं कि क्या बटांकन मंत्री जी करेंगे?। 

अगर कोई तहसीलदार काम नहीं करेगा तो भगा देंगे: राजस्व मंत्री

राजस्व मंत्री ने कहा कि, इसमें महिला का कौन सा अपमान हो गया? देश का कानून एक है तहसीलदार महिला हो या पुरुष हो। जो कानून के विपरीत जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मान लीजिए अगर कोई किसान कहेगा कि यह तहसीलदार मेरा काम नहीं करते। तो हम कहेंगे भगा देंगे। इसका मतलब यह है कि यहां से हटा देंगे। यह अधिकार हमारा। अगर काम नहीं करेंगे, अतिक्रमण नहीं हटाएंगे, सीमांकन, बंटवारा नहीं करेंगे, तो हटा देंगे। अगर कोई तहसीलदार काम नहीं करेगा तो हटाएंगे। हमने और भी हटाए हैं।

उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले तहसीलदार नेतागिरी कर रहे हैं। काम करने वाले तहसीलदारों को कोई परेशानी नहीं है। समझदार पढ़े-लिखे लोग हैं, गंवार तो हैं नहीं कोई। आप काम नहीं करोगे तो क्या करोगे? महिला- महिला करोगे। हिंदुस्तान में महिला का कानून अलग से थोड़े बना है। तहसीलदारों के सामूहिक अवकाश पर उन्होंने कहा कि, यह तरीका ठीक नहीं है। मैं इसे अच्छा नहीं मानता। यह जो अवकाश पर गए मैं इनकी भी भर्त्सना करता हूं। 

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