Triveni Healthcare Jabalpur मरीज के साथ चीटिंग का दोषी: सागर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग

THC Triveni Healthcare/A Unit of Jamdar Hospital को सागर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग द्वारा मरीज के साथ चीटिंग का दोषी घोषित किया गया है। इसके साथ ही आदेश दिया है कि वह मरीज को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के ₹80000, उसके ऊपर 6% ब्याज, मरीज को मानसिक क्षति के लिए ₹10000, और उसके वकील की फीस अदा करें। आयोग ने अस्पताल वालों को 2 महीने का समय दिया है। 

अस्पताल ने मरीज से 2.20 लाख का पेमेंट लिया

दरअसल, दुलारे यादव ने त्रिवेणी हेल्थ केयर हॉस्पिटल जबलपुर के संचालक के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग सागर में दावा पेश किया जिसमें उन्होंने बताया कि दुर्घटना में उनके पैर में फ्रैक्चर हुआ था। 4 जुलाई 2023 को इलाज और ऑपरेशन जबलपुर के त्रिवेणी हेल्थ केयर हॉस्पिटल में कराया। जहां इलाज में 2.20 लाख रुपए खर्चा हुई। मरीज ने अस्पताल को 2.20 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया।

मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान के तहत 80 हजार स्वीकृत हुए

इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने कहा था कि मप्र शासन की मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि जैसे ही प्राप्त होगी, परिवादी द्वारा अदा की गई राशि वापस कर दी जाएगी। इसके बाद दुलारे यादव ने मप्र शासन से मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान के तहत राशि प्राप्त करने के लिए 2.20 लाख रुपए का आवेदन पत्र अस्पताल से जारी किए गए मेडिकल दस्तावेजों के साथ पेश किया। जिस पर मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान के तहत 80 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई।

अस्पताल वालों ने पेमेंट देने से इनकार कर दिया

10 अगस्त 2023 को ई-पेमेंट के माध्यम से 80 हजार रुपए की राशि हॉस्पिटल के बैंक खाते में शासन द्वारा जमा कराई गई, लेकिन जब परिवादी ने हॉस्पिटल प्रबंधन से रुपए वापस करने के लिए बोला तो उन्होंने कहा अभी शासन से राशि का भुगतान नहीं हुआ है।

शासन से पैसों का भुगतान होने के बाद मरीज को नहीं लौटाई राशि

मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता पवन नन्होरिया ने बताया कि परिवाद पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष राजेश कुमार कोष्टा और सदस्य अनुभा शर्मा ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान परिवादी ने मेडिकल दस्तावेज और शासन द्वारा हॉस्पिटल को जमा की गई राशि से संबंधित दस्तावेज पेश किए। जिसमें सामने आया कि हॉस्पिटल ने मरीज से इलाज के पूरे पैसे ले लिए। जिसके बाद मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान के तहत भुगतान की गई 80 हजार रुपए की राशि भी रख ली। परिवादी को उक्त 80 हजार रुपए की राशि वापस नहीं लौटाई गई।

हॉस्पिटल प्रबंधन, शासन द्वारा राशि का भुगतान करने के बाद भी मरीज से झूठ बोलता रहा। मामले में सुनवाई करते हुए उपभोक्ता आयोग ने संचालक त्रिवेणी हेल्थ केयर हॉस्पिटल जबलपुर को दुलारे यादव को 80 हजार रुपए की राशि 6 प्रतिशत ब्याज के साथ दो माह में भुगतान करने का आदेश दिया है। साथ ही मानसिक और शारीरिक क्षति के रूप में 10 हजार रुपए और 2 हजार रुपए परिवाद व्यय की राशि का भुगतान दो माह के अंदर करने का आदेश दिया है। 

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