MPTET VARG 3, CTET PAPER 1 CDP NOTES-5 IN HINDI - मध्य प्रदेश प्राथमिक एवं केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के नोट्स

बाल विकास की अवधारणा और इसका अधिगम से संबंध (CONCEPT OF CHILD DEVELOPMENT AND ITS RELATION WITH LEARNING)। परंतु बाल विकास की अवधारणा को समझने से पहले वृद्धि, परिपक्वता और विकास को समझना आवश्यक है। बाल विकास की अवधारणा को शुरू करने के लिए यह सभी नींव की तरह से काम करेंगे। कृपया इस टॉपिक को पढ़ने से पहले इसी आर्टिकल के लास्ट में दी गई लिंक पर क्लिक करके पुराने टॉपिक को अवश्य पढ़े, जिससे आप बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र को समझने के लिए अपनी समझ को बेहतर बना पाएंगे।

वृद्धि, परिपक्वता, विकास 

MPTET VARG 3 SYLLABUS में बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र में पहला टॉपिक है -बाल विकास की अवधारणा एवं इसका अधिगम से संबंध (CONCEPT OF CHILD DEVELOPMENT) एवं CTET PAPER 1 में बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र पहला टॉपिक है- विकास की अवधारणा और सीखने के साथ इसका संबंध (Concept of development and its relationship with learning). बाल विकास की अवधारणा को समझने के लिए हम पहले वृद्धि, परिपक्वता, विकास को समझते हैं, जिसके बाद ही हम बाल विकास की अवधारणा, विकास के प्रकार को समझ सकते हैं क्योंकि बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र में आप ज्यादा कुछ याद नहीं रख सकते। यह थियोरेटिकल से ज्यादा प्रैक्टिकल सब्जेक्ट है। इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए आज हम अधिगम (LEARNING) यानी सीखने से संबंधित टॉपिक को पढ़ेंगे।

अधिगम! सरल शब्दों में कहें तो अधिगम का अर्थ है- सीखना। अधिगम, एक मानसिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति परिपक्वता की ओर बढ़ते हुए और अपने अनुभवों का लाभ उठाते हुए, अपने व्यवहार में परिवर्तन तथा परिमार्जन करता है।

अधिगम अस्थाई या स्थाई - Learning Temporary or Permanent

सभी तरह के व्यवहार में हुए परिवर्तन को सीखना नहीं कहा जाता। कभी किसी बीमारी, थकान, डर, दवा के कारण व्यवहार में हुआ परिवर्तन अधिगम नहीं कहलायेगा। यानी कोई भी अस्थाई परिवर्तन (temporary change) अधिगम नहीं कहलाएगा। परंतु अधिगम परमानेंट होता है। अगर एक बार हम कोई काम करना सीख गए तो 10, 20  साल बाद भी उसको कर ही लेते हैं। जैसे बचपन में हम साइकिल चलाना जानते थे और इसके बाद कई सालों तक नहीं चलाई, परंतु दोबारा साइकिल मिलने पर हम उसको थोड़ी बहुत कठिनाई के बाद चला ही लेते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि अधिगम एक स्थाई परिवर्तन या permanent change है।

रटना क्या है - What is Rote learning

अधिगम भी विकास की ही तरह एक जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम कुछ ना कुछ ज्ञान अर्जित करते ही रहते हैं। अधिगम व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास में सहायक होता है। अधिगम के बाद ही व्यक्ति खुद को और दुनिया को समझने के काबिल बन पाता है। अधिगम एक सहज प्रक्रिया है और बच्चे स्वभाव से ही सीखने के लिए प्रेरित रहते हैं और उनमें सीखने की जन्मजात क्षमता होती है परंतु रटना सीखना  (Rote Learning) अधिगम नहीं है। अधिगम एक सहज प्रक्रिया है और बच्चे स्वभाव से ही सीखने के लिए प्रेरित रहते हैं और उनमें सीखने की जन्मजात क्षमता (Innate Capasity) होती है।
अधिगम, विकास की ही तरह जीवन पर्यंत (Lifelong) चलने वाली प्रक्रिया है।

अधिगम की विशेषताएं - Characteristics of  Learning

आज हम अधिगम की 5 प्रमुख विशेषताओं या गुणों को जानेंगे। आपने कहावत सुनी ही होगी की "Rom was not built in a Day"  यानी की कोई भी बड़ा काम एक दिन में ही नहीं हो जाता।
अधिगम निरंतर होता है - Learning is Continuous
इसी प्रकार अधिगम या सीखना भी एक दिन में नहीं हो सकता। यह एक सतत और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इसीलिए हम रोज पढ़ते हैं, रोज स्कूल जाते हैं, एक ही दिन में सारा कुछ नहीं पढ़ सकते यानी की बूंद- बूंद करके ही घड़ा भरना होता है, एक दिन में सारा कुछ नहीं सीखा जा सकता।

अधिगम समायोजन में होता है - Learning is with Coordination
परंतु किसी एक्सेप्शनल केस में कोई व्यक्ति बहुत जल्दी सीख रहा है, तो उसके पीछे  उसका कोई एक्सपीरियंस हो सकता है या उसका IQ level high हो सकता है परंतु धीरे-धीरे कोआर्डिनेशन में सीखने में समय लगता है।

अधिगम रैखिक नहीं है - Learning is not linear
अधिगम  या सीखना रैखिक (linear) ना होकर कुंडलित (Spiral) होता है।  एक सीधी रेखा में सीखने के बाद हमको पीछे पलट कर देखना होता है और फिर आगे बढ़ना होता है। फिर कुछ सीखना होता है, फिर पीछे पलटना होता है, फिर आगे बढ़ना होता है इसी को Spiral Learning कहते हैं।
यानी की आगे का भी सीखते रहिए और पीछे का भी पढ़ते रहिए करते रहिए यही स्पाइरल लर्निंग है(LEARNING WITH REVISION)।

अधिगम सार्वभौमिक होता है - Learning is Universal
इसके अलावा अधिगम या सीखना सार्वभौमिक या (Universal) होता है यानी पूरी दुनिया में एक जैसा ही होता है। यानी कि किसी भी समय किसी भी जगह सीखा जा सकता है।

अधिगम उद्देश्यपूर्ण होता है - Learning is Goal Oriented
सीखने के लिए किसी भी प्रकार का उद्देश्य या मोटिवेशन जरूरी होती है। बिना उद्देश्य के हम कुछ भी नहीं सीख सकते। अधिगम से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ) हम अगले आर्टिकल में देंगे।

टॉपिक का सार-GIST OF THE TOPIC
धीरे-धीरे ही सही परंतु पढ़ते रहिए और हमेशा सीखते रहिए!
KEEP LEARNING ALLWAYS!
श्रीमती शैली शर्मा (MPTET Varg1(BIOLOGY),2(SCIENCE),3 & CTET PAPER 1,2(SCIENCE)-QUALIFIED

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