सन 2023-24 में मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़े घटनाक्रम हुए, जो इतिहास में दर्ज किए गए। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की 40 साल पुरानी दोस्ती, दुश्मनी में बदल गई। कमलनाथ का सफाया हो गया था और दिग्विजय सिंह का वचन ही कांग्रेस पार्टी का शासन हुआ करता था, लेकिन अचानक कमलनाथ रिटर्न हो गए। भोपाल में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन का नेतृत्व किया। इस इवेंट के तत्काल बाद दिग्विजय सिंह, कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत से मिलने पहुंचे।
दिग्विजय सिंह और अशोक गहलोत में क्या बात हुई
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शायद इस मुलाकात के बारे में किसी को नहीं बताते लेकिन राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो पूरी मीडिया बुला ली थी। पहले दोनों की मुलाकात अशोक गहलोत के घर पर हुई। दिग्विजय सिंह यहां से वापस नहीं गए बल्कि उनके साथ उपचुनाव के लिए तैयार किए गए वार रूम भी गए। माना जा रहा है कि दोनों के बीच में बातचीत का मुख्य मुद्दा कमलनाथ थे। दिग्विजय सिंह, अपनी बात कमलनाथ तक पहुंचाना चाहते थे। किसी ऐसे माध्यम से जो, कमलनाथ को दिग्विजय सिंह का पक्ष भी समझा सके और कमलनाथ उसकी बात सुनने के लिए तैयार भी हो जाए। आखिर बच्चों के भविष्य का सवाल है।
इस टीम को तीर्थ यात्रा पर भेजो: शुभचिंतक
इधर सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी के नॉन पॉलिटिकल शुभचिंतक खुलकर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। उनका कहना है कि, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, हुड्डा और अशोक गहलोत जैसे नेताओं के कारण ही कांग्रेस पार्टी तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रही है। यह पार्टी के हर डिसीजन में टांग अड़ा देते हैं। इस पूरी टीम को तीर्थ यात्रा पर भेज देना चाहिए। सबको इकट्ठा करके एक अनुशीलन समिति बना देनी चाहिए। पार्टी का नेतृत्व करने के लिए खड़गे जी काफी है। राहुल गांधी को समझना चाहिए। पुराने टायर पर नया इंजन भी कुछ नहीं कर पता है।
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