अगर कोई व्यक्ति किसी अपराध होने की सूचना पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को नहीं देता है तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 239 के अंतर्गत अपराध बनेगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि घटित अपराध की सूचना दे व्यक्ति लेकिन झूठी हो अगर कोई भी व्यक्ति अपराध की झूठी सूचना देता है तब उसके खिलाफ भी कार्यवाही होगी, जानिए :-
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 240 की परिभाषा
अगर कोई व्यक्ति चाहे वह अपराध की सूचना देने के लिए बाध्य हो या न हो किसी घटित अपराध की झूठी, मिथ्या सूचना देगा वह व्यक्ति BNS की धारा 240 के अंतर्गत दोषी होगा।
इस अपराध के लिए आवश्यक तत्व निम्न है:-
1. कोई अपराध घटित हुआ हो।
2. आरोपी व्यक्ति को उस अपराध की जानकारी हो और वह जानबूझकर कर झूठी सूचना दे रहा हो।
3. जब वह सूचना दे रहा है तब उसे ज्ञात होना चाहिए कि सूचना झूठी है।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 240 Provision of punishment
"यह अपराध सं असंज्ञेय एवं यह जमानतीय अपराध होते हैं , अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर भी दर्ज नहीं होती है लेकिन पुलिस अधिकारी NCR लिख सकती है , इस अपराध के लिए न्यायालय में परिवाद लगाया जा सकता है I एवं सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है।
सजा- इस अपराध के लिए अपराधी व्यक्ति को दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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