मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, बालाघाट, धार और झाबुआ जिलों में कलेक्टर रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी डॉ राजेश राजौरा मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव बनते-बनते रह गए। उनकी नियुक्ति के लिए आदेश टाइप हो गया था परंतु ग्रीन सिग्नेचर से पहले दिल्ली से एक मैसेज आ गया है। यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं। अब डॉ राजेश राजौरा को अपने लिए कोई नया काम तलाशना होगा।
IAS डॉ राजेश राजौरा कौन है
- भारतीय प्रशासनिक सेवा 1990 बैच के अधिकारी हैं।
- मध्य प्रदेश शासन के 35वें मुख्य सचिव बनाए गए हैं।
- चार सीनियर आईएएस ऑफिसर्स को सुपर सीड करके मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने डॉ राजेश राजौरा को मध्य प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया है।
- डॉ राजेश राजौरा एक एमबीबीएस डॉक्टर है।
- मध्य प्रदेश शासन के कृषि विभाग, गृह विभाग, उद्योग विभाग, उद्यानिकी विभाग और परिवहन विभाग के मुखिया रह चुके हैं।
- डॉ. राजेश राजौरा मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रहने वाले हैं।
- डॉक्टर राजेश राजौरा मध्यप्रदेश मूल के दूसरे मुख्य सचिव हैं।
- मध्य प्रदेश मूल के पहले मुख्य सचिव श्री केएस शर्मा, होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) 1987 में थे।
डॉ मोहन यादव से कनेक्शन - 20 साल बाद
डॉ राजेश राजौरा सन 2004 में उज्जैन के कलेक्टर थे। तब डॉक्टर मोहन यादव मध्य प्रदेश का उज्जैन के भी बड़े नेता नहीं थे। कैलाश विजयवर्गीय की कृपा से उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बनाए गए थे। राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था। उस समय डॉक्टर राजेश राजौरा ने, डॉक्टर मोहन यादव की काफी मदद की थी। उन्हें सम्मान भी दिया था। तभी से दोनों की केमिस्ट्री काफी मजबूत चल रही है। संयोग देखिए की 20 साल बाद समय ने इस जोड़ी को पूरा मध्य प्रदेश संभालने का मौका दिया है।
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