BNS 279 - लोक जल स्त्रोत अर्थात पीने के पानी को गंदा करना, कानून-धारा और सजा पढ़िए

कोई फैक्ट्री जो अपने विषाक्त कचरे को नदी में छोड़ती है, जिससे नदी का पानी दूषित होता है और लोगों के स्वास्थ्य को खतरा होता है या कोई व्यक्ति जो कुएं में विषाक्त पदार्थ डालता है, जिससे कुएं का पानी दूषित होता है और लोगों के स्वास्थ्य को खतरा होता है, तब फैक्टरी मालिक या पानी को दूषित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ़ क्या कानूनी कार्यवाही होगी जानिए।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 279 की परिभाषा

"जो कोई व्यक्ति किसी जल स्रोत, जैसे कि नदी, तालाब, या कुआं, को विषाक्त या दूषित करता है, जिससे मानव जीवन या स्वास्थ्य को खतरा होता है, वह व्यक्ति BNS की धारा 279 के अंतर्गत दंडित किया जाएगा।"
यह धारा जल स्रोतों को दूषित करने से रोकने और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए बनाई गई है।

THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023,SECTION 279 PROVISION OF PUNISHMENT

इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं। पुलिस थाने में इस अपराध की डायरेक्ट एफआईआर दर्ज नहीं होगी लेकिन पुलिस NCR लिख सकती है एवं इस अपराध के लिए न्यायालय में परिवाद भी लगाया जा सकता है। इस अपराध की सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है एवं यह समझौते योग्य नहीं है अर्थात्‌ राजीनामा नहीं किया जा सकता है। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या जुर्माना 5000/- रुपये या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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