Gupt navratri 2024 - शनि, राहु केतु की शांति एवं सबसे बड़े कष्ट के निवारण हेतु गोपनीय पूजा विधि

Bhopal Samachar
आषाढ़ मास, शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा, दिनांक 6 जुलाई 2024 से प्रारंभ हो रहा है। इसे ग्रीष्म नवरात्र और गुप्त नवरात्र के रूप में भी जाना जाता है। आषाढ़ मास में दुर्गापूजन, शक्तिपूजन की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है। मां कामख्या की अर्चना इस नवरात्र में विशेष तौर पर की जाती है। 

Gupt navratri 2024 date and time

जीवन में विशेष लक्ष्य की सिद्धि के लिए, विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए, शनि, राहु एवं केतु की शांति के लिए और ऐसे सभी विषय साधने के लिए जिनका समाधान अन्य किसी भी विधि से प्राप्त नहीं हो रहा है, विशेष साधना का विधान है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है, यह साधना एकांत में की जाती है और इसका प्रचार प्रसार नहीं किया जाता बल्कि इस पूरी पूजा विधि को गोपनीय रखा जाता है। गुप्त नवरात्र में दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति के लिए दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। इस दौरान विशेष क्रियाएं, शक्ति साधना और महाकाल की पूजा होती है। इस पूजा में साधक कड़े नियमों का पालन करते हैं। गुप्त नवरात्रि 2024 का डेट एंड टाइम आपको इसी समाचार में आगे प्राप्त होगा।

शनि,राहू और केतु से पीड़ितों की मिलता लाभ

इस नवरात्र में मां की आराधना, हवन आदि से शनि, राहू और केतु से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है। इन तीनों ग्रहों की शांति के लिए इसी प्रकार की साधनाओं का विधान है।

गुप्त नवरात्रि में किसका पाठ करें

- दुर्गा सप्तशती, इष्ट देवी के बीजमंत्र, दुर्गा कवच, दुर्गा शतनाम पाठ
- दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ नहीं करें तो अध्याय 4, 5 और 11 का पाठ करें। 

गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा करनी चाहिए

  1. नेत्री
  2. त्रिपुरा भैरवी
  3. कमला
  4. धूम्रवती
  5. बगलामुखी
  6. तारा
  7. छिन्नमस्ता
  8. त्रिपुरा सुंदरी
  9. महात्रिपुरा सुंदरी
  10. भुवनेश्वरी 

गुप्त नवरात्रि जुलाई 2024 पूजा का शुभ मुहुर्त 

  • दिनांक - 6 जुलाई 2024, शनिवार
  • समय - प्रातः 5:11 बजे से 7:26 बजे तक
  • समापन - 15 जुलाई 2024, सोमवार

1 वर्ष में कितनी नवरात्रि होती है

  • शारदीय नवरात्र: आश्विन मास(अक्टूबर)
  • माघी गुप्त नवरात्र : माघ मास(जनवरी-फरवरी)
  • वासंतिक : चैत्र नवरात्र (अप्रैल)
  • ग्रीष्म-गुप्त नवरात्र: आषाढ़ मास(जुलाई)

ऋतु परिवर्तन पर देवी आराधना की परंपरा

भारतीय परंपरा में ऋतु परिवर्तन होने पर मां दुर्गा की आराधना की जाती है। ऋतुओं के बदलने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होती हैं। इस मौसम में निरोग रहने को नियम और संयमपूर्वक रहकर मां शक्ति की पूजा की जाती है। 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी भारतीय धर्म ग्रंथो पर आधारित है। केवल माता के भक्तों के लिए उपयोगी है। आपके उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कौन सी विधि उचित होगी इसका निर्धारण आपके गुरु द्वारा ही किया जा सकता है। अतः कृपया उनके परामर्श के बिना कोई प्रयोग ना करें। यदि आप अपने गुरु से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं तो अपनी इष्ट देवी के बीज मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें, अन्य किसी के भी मार्गदर्शन का पालन न करें।

विनम्र निवेदन:🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में religious पर क्लिक करें। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!