भारतीय जनता पार्टी के सर्वमान्य नेता श्री नरेंद्र मोदी को NDA की सभी पार्टियों ने अपना नेता मान लिया है और वह तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं परंतु इस बार लोकसभा अध्यक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए मध्य प्रदेश के सबसे चतुर राजनीतिज्ञ श्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर विचार किया जाना चाहिए। यदि भाजपा नहीं चाहती कि जो अटल जी के साथ हुआ वही मोदी जी के साथ भी हो जाए, मोदी सरकार पर 5 साल तक खतरा मंडराता रहे तो उन्हें लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए मोदी के समान योग्य नेता का चयन करना होगा।
सबसे पहले पद का महत्व, पृष्ठभूमि और फ्लैशबैक
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि, इस सरकार में लोकसभा अध्यक्ष का पद महत्वपूर्ण क्यों है और इसके लिए निष्ठावान, बुद्धिमान, सर्व स्वीकार्य और चतुर नेता की जरूरत क्यों है। दरअसल, गठबंधन की सरकार में दल बदल, अविश्वास और समर्थन वापसी के कई मोड़ आते हैं। भारत का इतिहास बताता है कि ऐसी स्थिति में फ्लोर की सबसे बड़ी पावर पार्लियामेंट के स्पीकर के हाथ में होती है। किसको वोट देने के लिए अलाउ करना है। किसको सस्पेंड कर देना है। किसकी बात माननी है और किसकी बात को दरकिनार कर देना है। किसी प्रस्ताव पर कैसा फैसला लेना है। यह सब कुछ लोकसभा अध्यक्ष के हाथ में होता है। इस दौरान यह सब कुछ भी ध्यान में रखना पड़ता है की कहानी सदन लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ खड़ा ना हो जाए। सभी सदस्यों में स्वीकार्यता भी बहुत जरूरी है। भाजपा की अटल बिहारी सरकार के तीसरे कार्यकाल में शिवसेना के नेता श्री मनोहर जोशी लोकसभा के अध्यक्ष थे। उन्होंने आपत्ति के बावजूद उड़ीसा के मुख्यमंत्री श्री गिरधर को वोट देने की अनुमति दे दी थी और इसी एक वोट के अंतर के कारण अटल बिहारी सरकार गिर गई थी। ऐसे और भी दर्जन और रेफरेंस है परंतु यह उदाहरण ऐसा है जो भाजपा के रोंगटे खड़े कर देता है।
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए शिवराज सिंह ही क्यों
भारतीय जनता पार्टी में जितने भी बड़े चेहरे हैं, सबकी पहचान में कोई ना कोई एक बात ऐसी है जो NDA की सभी पार्टियों को स्वीकार नहीं होगी। अटल बिहारी वाजपेई के बाद केवल शिवराज सिंह चौहान ही अकेले ऐसे नेता हैं जिन्हें सभी पार्टियों यहां तक कि विपक्ष द्वारा भी स्वीकार किया जाएगा। लोकसभा चुनाव के दौरान और लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद भी कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने शिवराज सिंह चौहान की तारीफ की है। आज तक किसी भी पार्टी के किसी भी बड़े नेता ने शिवराज सिंह चौहान की राजनीति की आलोचना नहीं की है। यह एक बहुत बड़ा गुण है, जो उन्हें लोकसभा अध्यक्ष पद का दावेदार बनाता है।
शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में 15 साल से ज्यादा सरकार चलाई। इस दौरान कई बार बड़ी विषम परिस्थितियों आई। सबने मान लिया था कि शिवराज सिंह या तो इस्तीफा दे देंगे या फिर उन्हें बदल दिया जाएगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। 2023 में जब स्थिति बनी तब भी शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता होने का प्रमाण दिया और खुशी-खुशी अपने परिवार को लेकर सीएम हाउस से बाहर निकल आए। इसलिए शिवराज सिंह चौहान इस्पात के लिए सर्वगुण संपन्न व्यक्ति हैं।
शिवराज सिंह चौहान की खास बातें
- अपने विरोधियों का ईगो हर्ट नहीं करते।
- सबके साथ समान व्यवहार रखते हैं और सब अपनत्व का अनुभव करते हैं।
- सभी पार्टियों की विचारधारा का सम्मान करते हैं।
- विपक्ष के सभी दलों (ममता बनर्जी, मायावती और अरविंद केजरीवाल से भी) से बड़े अच्छे संबंध हैं।
- जो ठान लेते हैं वही करते हैं परंतु उनकी बातों और गतिविधियों में जिद और अहंकार दिखाई नहीं देता।
- यदि कोई गलती हो जाए तो उसे ठीक कर लेते हैं।
- यदि पार्टी का कोई नेता या सरकार का कोई मंत्री गलती कर दे तो उसे भी ठीक कर देते हैं।
- राजनीति में अटल जी का लोग सम्मान करते थे लेकिन शिवराज सिंह चौहान से परिवार वाला प्रेम करते हैं।
✒ उपदेश अवस्थी।
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