भारत मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने टोटल 26 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें से 19 जिलों में आंधी के साथ ओलावृष्टि और सात जिलों में आंधी के साथ बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा 23 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इनमें भी आंधी और बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान - 26 जिलों के लिए ऑरेंज और 23 जिलों के लिए येलो अलर्ट
मौसम के अंदर भोपाल के अनुसार, नर्मदापुरम, बैतूल, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, पांढुर्णा जिलों में लगभग 70 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से तेज आंधी और उसके साथ ओलावृष्टि होगी। इसके साथ ही उपरोक्त जिलों के कई स्थानों पर आंधी के साथ मध्यम वर्षा होगी। भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, डिंडोरी, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ जिलों में 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है। उपरोक्त सभी जिलों में कुछ स्थानों पर आंधी के साथ हल्की बारिश भी होगी।
ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, मंडला, निवाड़ी जिलों में 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी आएगी लेकिन ओलावृष्टि की संभावना नहीं है। कुछ स्थानों पर आंधी के साथ हल्की बारिश होगी। इसके अलावा राजगढ़, हरदा, बड़वानी, अलिराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, शाजापुर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, पन्ना, दमोह, मैहर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। उपरोक्त सभी जिलों में 50 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से तेज आंधी और हल्की बारिश होने की संभावना है।
मध्य प्रदेश मौसम समाचार
पिछले 24 घंटे में, शिवपुरी, गुना, विदिशा, सागर, टीकमगढ़, छतरपुर, छिन्दवाड़ा एवं बालाघाट जिलों में ओलावृष्टि दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 44.2 °C ग्वालियर में दर्ज किया गया तथा सबसे कम न्यूनतम तापमान 20.2 °C पचमढ़ी (नर्मदापुरम) में दर्ज किया गया।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए परामर्श
1. मानसून वर्षा के आगमन की घोषणा के पश्चात, बुवाई हेतु जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के दूसरे सप्ताह का समय उपयुक्त है। आने वाले दिनों में जिन स्थानों पर लगभग 100mm/4 इंच वर्षा हो जाए, वहां बुवाई करना उचित होगा। साथ ही पर्याप्त वर्षा होने की स्थिति में या सिंचाई की सुविधानुसार 23 जून के बाद धान की नर्सरी के लिए खेत तैयार करें।
2. कपास / सोयाबीन की बुवाई मानसून आने के पश्चात् भूमि में पर्याप्त नमी (कम से कम 100 मिमि बारिश होने की स्थिति में ही करें।
3. अरहर की बुवाई के लिए खेत की तैयारी करें। जिन किसान भाईयों के पास सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो वे हरी खाद हेतु मक्का या ढैचा की बोनी करें।
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