मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाला की जांच कर रही सीबीआई टीम में शामिल मध्य प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर सुशील कुमार मजोखा और ऋषिकांत असाठे की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गई है। इनमें से सुशील कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने घोटालेबाज कॉलेज संचालकों से रिश्वत लेकर उन्हें क्लीन चिट देने का काम किया।
हाईकोर्ट में सीबीआई पर विश्वास किया था
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआई द्वारा मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाला की जांच की जा रही है। हाई कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि वह सभी कॉलेज की जांच करें और अपनी रिपोर्ट में यह बताएं कि कौन से कॉलेज एफीलिएशन की शर्तों का पालन कर रहे हैं। ऐसे सभी कॉलेजों को संचालन की अनुमति दे दी जाएगी। सीबीआई के कुछ अधिकारियों ने कॉलेज संचालकों से रिश्वत लेकर उन्हें क्लीन चिट दे दी जबकि शर्तों का पालन करने वाले कुछ कॉलेजों की रिपोर्ट इसलिए नहीं बनाई गई क्योंकि उन्होंने रिश्वत नहीं दी थी। सीबीआई दिल्ली की टीम ने 3 महीने लंबी इन्वेस्टिगेशन के बाद सबसे पहले इंस्पेक्टर राहुल राज को गिरफ्तार किया। टोटल 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसमें से 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसमें सीबीआई के अधिकारी और कॉलेज के संचालक एवं पदाधिकारी शामिल हैं।
दो इंस्पेक्टर्स ने मध्य प्रदेश पुलिस को बदनाम कर दिया
नर्सिंग कॉलेज घोटाला की जांच में मदद करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस की ओर से इंस्पेक्टर सुशील कुमार मजोखा और ऋषिकांत असाठे को डेपुटेशन पर सीबीआई में भेजा गया था। दोनों इंस्पेक्टर सीबीआई की जांच में रिश्वतखोरी के दोषी पाए गए हैं। सुशील कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि ऋषिकांत की गिरफ्तारी बाकी है। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश पुलिस में वापस आते ही दोनों को सस्पेंड कर दिया जाएगा और दोनों के खिलाफ डिपार्मेंटल इंक्वारी शुरू होगी।
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