महिला संविदा शिक्षक सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी, सरकार से अपनी नौकरी छीन लाई - MP NEWS

संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 भर्ती प्रक्रिया में सरकार की वादा खिलाफी का शिकार हुई एक महिला ने अपनी नौकरी पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी और अंत में न केवल उसकी जीत हुई बल्कि उसे न्याय भी मिला। सुप्रीम कोर्ट ने शासन को आदेश दिया है कि सन 2008 से उसकी नियुक्ति दर्ज करें और तब से लेकर अब तक का वेतन-भत्ता का भुगतान करें। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर 10 लाख रुपए की कॉस्ट लगाई और आदेशित किया कि इसकी वसूली उन अधिकारियों के वेतन से की जाए जो इस मामले में जिम्मेदार हैं। 

हाई कोर्ट ने सिर्फ ₹100000 का मुआवजा दिलवाया था

मध्य प्रदेश द्वारा 1990 में गैर औपचारिक केंद्र खोले गए थे। इसमें याचिकाकर्ता पलसीकर कॉलोनी, इंदौर निवासी स्मिता श्रीवास्तव अनुदेशक के पद पर नियुक्त हुई थीं। इसके बाद सरकार ने संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के लिए भर्ती शुरू की। इसमें अनुदेशकों को भी लाभ (नियुक्ति में प्राथमिकता) दिए जाने की बात कही गई थी। भर्ती का विज्ञापन जारी होने के बाद स्मिता ने भी परीक्षा में भाग लिया और वह परीक्षा में पास भी हो गईं। इसके बाद भी सरकार ने उनकी नियुक्ति संविदा शाला शिक्षक के रूप में नहीं की। इस पर महिला ने अधिवक्ता एलसी पटने के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। शिक्षा विभाग द्वारा भी जवाब पेश किया गया। हाई कोर्ट ने अंतिम फैसले में स्मिता को नौकरी तो नहीं दी, लेकिन सरकार पर एक लाख रुपए की कॉस्ट लगाई थी, जो स्मिता को दी जाना थी। 

संविदा शिक्षक नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़िए

हाई कोर्ट के फैसले से भी स्मिता सहमत नहीं हुई। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने हाई फैसले को पूरी तरह पलट दिया और कहा कि महिला के पात्र होने के बावजूद उसे नियुक्त नहीं दी गई। यह पूरी तरह से गलत है। सरकार पर कॉस्ट लगाते हुए स्मिता को परीक्षा पास करने की अवधि यानी 31 अगस्त 2008 से ही नियुक्ति मानने और इतने समय का वेतन, भत्ता, एरियर दिए जाने के आदेश दिए हैं। 60 दिन में सरकार को आदेश का पालन करना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि इन 10 लाख रुपए की वसूली उन अफसरों की पहचान कर दी जाए जिनकी लापरवाही से महिला को नियुक्ति नहीं मिली। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। 

विनम्र निवेदन: 🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में employee पर क्लिक करें।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !