BHOPAL NEWS - बिल्डर और डेवलपर्स RERA की कार्यशैली से नाराज, कलेक्टर गाइडलाइन ना मंजूर

Bhopal Samachar
0
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कुछ बिल्डर और डेवलपर्स RERA और राजस्व विभाग की कार्यशैली से नाराज हैं। उन्हें कलेक्टर गाइडलाइन तय करने के तरीके पर भी आपत्ति है। बिल्डर्स एंड डेवलपर्स संजीव ठाकुर, अजय मोहगांवकर, विनीत चौहान, देवेंद्र चौकसे, संजय मोदी, बलविंदर सिंह, केएल शर्मा, वासिक हुसैन, समीर गुप्ता, करण खुराना और नितिन अग्रवाल का कहना है कि ऐसा ही चला रहा तो सब कुछ ठप हो जाएगा।

मध्य प्रदेश में 40 साल पुराने फार्मूले पर कलेक्टर गाइडलाइन तय की जाती है

भोपाल के बिल्डर एंड डेवलपर की परेशानियों को सरकार तक पहुंचाने का जन्म दैनिक भास्कर ने उठाया है। उपरोक्त समस्त बिल्डर को न्यूज़ रूम में बुलाया गया और उनसे उनकी परेशानी पूछी गई। फिर इस मीटिंग का प्रतिवेदन पब्लिश किया गया। इसमें बताया गया है कि भोपाल के बिल्डर और डेवलपर सरकार से नाराज हैं। उनका कहना है कि, सरकार की नीतियां 40 साल पुरानी सोच के आधार पर है। स्टांप ड्यूटी से होने वाली आय के आधार पर हर साल कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ा दी जाती है। ये देखते ही नहीं कि इससे फायदा हो रहा या नुक्सान।

भोपाल में कंस्ट्रक्शन महंगा, लेकिन प्राइज कम है

रियल एस्टेट से 100 छोटे-बड़े उद्योग जुड़े हैं। ये ठहरा तो पूरी इकानॉमी ठहर सकती है। कई राज्यों में टास्क फोर्स हैं। इनमें प्रमुख डेवलपर्स शामिल होते हैं, जो जानते हैं कि बिजनेस में क्या परेशानियां हैं। यहां तो कमरों में बैठकर नीति और मास्टर प्लान फाइनल हो जाते हैं। देश में अब 4,5 और 6 तक एफएआर मिलता है और भोपाल में अब भी यह 1.25 है। नतीजा भोपाल में कंस्ट्रक्शन महंगा है, लेकिन प्राइज कम है।

नई और सेकंड हैंड प्रॉपर्टी में कोई अंतर नहीं करते

इसके अलावा कमर्शियल प्रॉपर्टी में शेल्टर टैक्स लगाया जाता है, जिसका कोई आधार नहीं है। कलेक्टर गाइडलाइन हर साल बढ़ा देते हैं। जो लोग हर साल बढ़ती रजिस्ट्री की संख्या के आधार पर रियल एस्टेट की वृद्धि दिखाते हैं उन्हें चाहिए कि वे यह एनालिसिस करें कि इनमें कितनी नई प्रॉपर्टी है और कितनी सेकंड सेल की है।

भोपाल के विकास के लिए क्या करना चाहिए

भोपाल देश के मध्य में है। यदि यहां लॉजिस्टिक हब डेवलप किया जाए तो शहर की इकोनॉमी बढ़ेगी। यदि शहर बढ़ेगा तो सभी सेक्टर आगे बढ़ेंगे। हमें शहर के विकास पर फोकस करना चाहिए। भोपाल का विकास करने के लिए आईटी पार्क को डेवलप करने की जरूरत है। जीएसटी आने के बाद तो लॉजिस्टिक हब और अधिक उपयोगी हो गया है। 2005 से शहर मास्टर प्लान का इंतजार कर रहा है। जब तक मास्टर प्लान नहीं होगा तब तक शहर के डेवलपमेंट की दिशा तय नहीं हो सकती।

स्टांप ड्यूटी एक बड़ा मुद्दा है

स्टांप ड्यूटी एक बड़ा मुद्दा है। सरकार अपनी आय बढ़ाने के लिए स्टांप ड्यूटी को कम नहीं कर रही लेकिन बात इसके विपरीत है। यदि स्टांप ड्यूटी कम की जाए तो उससे बढ़ने वाले बिजनेस वाल्यूम से सरकार की आय भी बढ़ेगी और आम लोगों को भी फायदा होगा। सरकार को रियल एस्टेट और अन्य उद्योगों को इस तरह की छूट देना चाहिए कि देश-विदेश के इंवेस्टर्स यहां आएं। इससे पूरे शहर और प्रदेश को फायदा होगा और इसका लाभ रियल एस्टेट सेक्टर को भी मिलेगा।

मास्टर प्लान में देरी से विकास पागल हो गया

मास्टर प्लान में देरी होने से शहर का विकास नहीं हो पा रहा है। नई सोच के साथ नया मास्टर प्लान समय पर आना जरूरी है। भोपाल एक खूबसूरत शहर है, यहां टूरिज्म को बढ़ावा देने की पूरी संभावना है। भोपाल एक खूबसूरत रहने लायक शहर है। सबसे आसान है कि टूरिज्म सेक्टर को डेवलप किया जाए। टूरिज्म से जॉब भी मिलते हैं।

विनम्र अनुरोध 🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। भोपाल के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Bhopal पर क्लिक करें।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289
Tags

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!