SALUJA ESTATES PRIVATE LIMITED द्वारा संचालित रेस्टोरेंट Punchin को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग इंदौर द्वारा सेवा में कमी का दोषी घोषित किया गया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने यह पाया कि ब्राह्मण दंपति द्वारा आर्डर किए गए शाकाहारी चावल में जानवर की हड्डी थी। इतना ही नहीं जब उपभोक्ता द्वारा समझौते से इनकार कर दिया और मामला दर्ज करवाया तो उसे पर दबाव बनाने के लिए पीड़ित दंपति को मानहानि का नोटिस दिया गया।
वेज फ्राइड राइस में हड्डी का टुकड़ा निकाला
दिनांक 30 जून 2022 को उपभोक्ता अभिनव शर्मा, पत्नी श्रेया के साथ रेस्टोरेंट में आए। वेज फ्राइड राइस, स्वीट कॉर्न, फ्रूट पंच, अंडा करी और बीयर का ऑर्डर दिया था। पत्नी श्रेया ने वेटर को बताया कि वे शाकाहारी हैं। किसी भी प्रकार का मांसाहार स्वीकार नहीं करती है। इसलिए वेटर से सभी चीजों का ध्यान रख खाना बनाने की रिक्वेस्ट की थी। ऑर्डर किए गए वेज फ्राइड राइस खाते समय श्रेया के मुंह में हड्डी का एक टुकड़ा आ गया। श्रेया ने उसे तुरंत उगल दिया।
FIR दर्ज करवाई तो मनहानी का नोटिस भेज दिया
पंच-इन रेस्टोरेंट के मैनेजर अमित को इस बारे में बताया। मैनेजर ने माफी मांगना शुरू कर दिया। साथ ही खाने के बिल 1768 रुपए का भुगतान नहीं करने के लिए कहने लगा। हालांकि, पति-पत्नी ने खाने के बिल का भुगतान किया। साथ ही विजय नगर थाने में एफआईआर भी दर्ज करवा दी। 8 जुलाई 2022 को पंच-इन रेस्टोरेंट की तरफ से पति-पत्नी को मानहानि का नोटिस मिला। नोटिस देख पति-पत्नी हैरत में पड़ गए। इसके चलते जवाबी कार्रवाई करते हुए अभिनव ने 9 जुलाई 2022 को पंच-इन रेस्टोरेंट को जानबूझकर धोखाधड़ी करने और सेवा में कमी के लिए कानूनी नोटिस भिजवा दिया।
रेस्टोरेंट की दलील - पति नशे में था, पत्नी शाकाहारी नहीं थी
नोटिस के जवाब में पंच-इन मैनेजमेंट ने लिखा कि शिकायतकर्ता अभिनव पहले से नशा किए हुए था। वेटर से ऊंची आवाज में बात की। मना भी किया था। वेज फ्राइड राइस सहित अन्य चीजों का एक साथ में ही ऑर्डर दिया गया था। रेस्टोरेंट में वेज-नॉनवेज खाना दोनों तरह का परोसा जाता है। इसकी जानकारी शिकायतकर्ता को भी थी।
पत्नी श्रेया के द्वारा वेटर को ये नहीं बताया गया कि वे शाकाहारी हैं और न ही किसी प्रकार सावधानी बरतने के लिए कहा था। पत्नी श्रेया भी पति के साथ एक ही टेबल पर अंडा करी खा रही थी। मानहानि का नोटिस इसलिए पति-पत्नी को दिया गया क्योंकि वे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रेस्टोरेंट की प्रतिष्ठा का धूमिल कर रहे थे। उन्हें ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी गई थी।
उपभोक्ता आयोग ने सुनवाई के बाद कहा- दबाव बनाना चाहता था रेस्टोरेंट
मामले की सुनवाई के दौरान आयोग ने पाया कि पति-पत्नी के द्वारा सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार करने और पोस्ट डालने के कोई सबूत रेस्टोरेंट मैनेजमेंट द्वारा पेश नहीं किए गए। जो इससे संबंधित लीगल नोटिस उन्हें दिया गया था। इससे ऐसा लगता है कि रेस्टोरेंट की ओर से भेजे गए मानहानि नोटिस के जरिए दंपती पर दबाव बनाने की कोशिश की गई।
वहीं पंच-इन रेस्टोरेंट की तरफ से आयोग को बताया गया कि फर्म में तीसरे पार्टनर अमित खत्री अब पार्टनर नहीं हैं लेकिन उन्हें पार्टी बनाया गया है। हालांकि इस संबंध में कोई एग्रीमेंट या अन्य डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं करवाए। आयोग को बताया कि मैनेजर भी नौकरी छोड़ चुका है। खाना बनाने के संबंध में उसका कोई उत्तरदायित्व नहीं है।
रेस्टोरेंट को यह अधिकार नहीं मिलता कि वह लापरवाही करे - उपभोक्ता आयोग
आयोग ने माना कि रेस्टोरेंट में वेज और नॉनवेज दोनों खाना मिलता है। इससे रेस्टोरेंट को यह अधिकार नहीं मिल जाता है कि वो वेज सर्व करने में लापरवाही पूर्वक नॉनवेज मिलाकर बेच दे। पति के द्वारा नशे में वेटर से अभद्रता करने की बात भी कही गई है, लेकिन इस संबंध में कोई सीसीटीवी फुटेज पेश नहीं किए गए।
इस तरह फर्म को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाते हुए बिल के 1768 रुपए आदेश की सूचना मिलने से 30 दिन में भुगतान करें। भुगतान नहीं करने पर परिवाद दाखिल करने 18 अक्टूबर 2022 से 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज से भुगतान करें। मानसिक प्रताड़ना के लिए भी पति-पत्नी को 10 हजार रुपए और केस खर्च के भी 10 हजार रुपए 30 दिन में दें। भुगतान नहीं करने पर इस पर भी परिवाद दिनांक से 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज से रुपए देना होंगे।
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