कोटा से काव्या का अपहरण मामले में काव्या के पिता शिवपुरी निवासी रघुवीर धाकड़ अब उसकी तलाश में इंदौर आ गए है। पुलिस ने सारे सबूत सामने रख दिए हैं लेकिन वह अपनी बेटी की गलती मानने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि जब तक मेरी काव्या से बात नहीं हो जाती, तब तक कुछ नहीं कह सकता। हो सकता है उसने कोई गलती नहीं की हो। इधर काव्या ने अपना वह मोबाइल भी बंद कर लिया है, जो उसने घटना के पहले राजस्थान से खरीदा था।
काव्या ने जयपुर से नई सिम खरीदी थी
इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच और राजस्थान पुलिस लगातार काव्या की तलाश कर रहे हैं। उनका मानना है कि काव्या उज्जैन अथवा ओंकारेश्वर क्षेत्र में हो सकती है। उसके साथ सागर का हर्षित भी है। क्राइम ब्रांच की टीम लड़की के साथी हर्षित की तलाश में उसके दोस्त के रूम पर भी पहुंची। क्राइम ब्रांच को हर्षित का मोबाइल उसके दोस्त के रूम पर ही पड़ा मिला। इंदौर पुलिस अधिकारियों की माने तो छात्रा ने जयपुर से नई सिम ली थी, जो बुधवार तक चालू थी। सिम की लोकेशन ट्रेस कर पुलिस लड़की को ढूंढ रही थी लेकिन अब उसने मोबाइल बंद कर लिया है।
अमन ने बताया, काव्या और हर्षित को मेन रोड तक छोड़ा था
एडीशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक काव्या और हर्षित को लेकर अभी भी इंदौर में क्राइम ब्रांच की टीमें सर्चिंग कर रही हैं। गजेंद्र उर्फ ब्रजेश और अमन को राजस्थान पुलिस अपने साथ ले गई है। जबकि हर्षित का मोबाइल गजेंद्र के कमरे पर ही मिला। जिसे क्राइम ब्रांच ने जब्त कर लिया। गजेंद्र की लोकेशन उसके रूम पर ही मिली। दूसरे साथी अमन ने पूछताछ में बताया कि वह काव्या और हर्षित को छोड़ने मेन रोड तक आए था। इसके बाद वह कहां गए उन्हें नहीं पता।
मुझे पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं, काव्या के पिता ने कहा
इंदौर पहुंचे काव्या के पिता रघुवीर धाकड़ का कहना है अभी बेटी का पता नहीं चला है। पुलिस जो कहानी बता रही है, तब तक यकीन नहीं कर सकते, जब तक बेटी नहीं मिल जाए। अब हम भी इंदौर में उसे खोजने आए हैं। पुलिस अपहरण फर्जी बता रही है। हो सकता है बेटी की गलती न हो। उसके मिलने के बाद ही पुलिस को सच्चाई सामने लाना चाहिए थी।
परीक्षा के नाम पर हॉस्टल का कमरा लिया था
काव्या के बारे में पता चला है कि मंगलवार 19 मार्च को दीक्षा गर्ल्स होस्टल में शाम 4 बजे पहुंची थी। वार्डन सिया को कहा था कि परीक्षा देने के लिए दो दिन के लिए कमरा किराए पर चाहिए। फिर शाम 7 बजे रूम में आई और रात 11.30 बजे वापस चली गई थी।
बृजेंद्र और अमन खुद पुलिस के पास आए थे
अपहरण की असलियत बताने के लिए हर्षित के दोस्त बृजेंद्र व साथी अमन खुद भंवरकुआं थाने पहुंचे थे। पुलिस के मुताबिक एक युवक अंदर आया और बोला कि काव्या ने फर्जी अपहरण कराया है। सुबह अखबारों में काव्या का फोटो देख मकान मालिक ने कहा था कि इसकी सच्चाई खुद थाने पर बताकर आओ। वहीं दूसरे युवक को थाने से ही उठाया था।
इंदौर में रात 10 बजे निकले थे रूम से
क्राइम ब्रांच को राजस्थान पुलिस से खबर लगी कि हर्षित के मोबाइल की लोकेशन भंवरकुंआ में ट्रेस हो गई है। पुलिस जब नानक नगर में उसके रूम पहुंची, तो पता चला कि वह यहां 15 दिन से नहीं आया। उसके नंबर की कॉल डिटेल में गजेंद्र और अमन से बात होना सामने आया। दोनों की लोकेशन ट्रेस करते हुए टीमें गजेंद्र के रूम तक पहुंची लेकिन मंगलवार रात 10 बजे दोनों रूम छोड़कर निकल गए। यहां राजस्थान पुलिस की टीमें जब पहुंची तो क्राइम ब्रांच के अफसरों ने उन्हें अंदर जाने से रोके रखा बाद में पता चला कि काव्या और हर्षित वहां नहीं है।
काव्या इंदौर के आसपास है
गजेंद्र ने पुलिस को बताया कि हर्षित को डर था कि सब साथ रहे तो जल्द पकड़ में आ सकते हैं। इसलिए वो और काव्या रूम छोड़ कर चले गए। उन्होंने इंदौर के आसपास ही रहकर गजेंद्र को कांटेक्ट करने की बात कही। पुलिस को शंका है दोनों उज्जैन या ओंकारेश्वर में हो सकते हैं। काव्या का मोबाइल भी इंदौर रिंग रोड से ही बंद हुआ है।
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