डॉ मोहन यादव भी अजीब है, चुनाव के समय कोई ऐसा करता है क्या! - by the way

डॉ मोहन यादव, मध्य प्रदेश इतिहास में दर्ज मुख्यमंत्री की लिस्ट में अपनी ही तरह के अलग इंसान है। राजनीति में जो नेता जितनी ऊंचाई पर होता है, वह वोट के लिए सरकारी नोट का मनमाना उपयोग करता है, लेकिन मोहन की बात कुछ और है। लोकसभा चुनाव सिर पर आ गए हैं, और डॉ मोहन यादव गायों की चिंता कर रहे हैं। राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में मध्य प्रदेश में गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन पर आयोजित हिट धारकों की कार्यशाला गौ रक्षा संवाद में न केवल भरपूर समय दिया बल्कि कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की। 

चुनाव के समय कोई ऐसा करता है क्या!

आपने किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री को चुनाव के समय ऐसा कुछ करते हुए देखा है? मीडिया के कैमरे के सामने सब कहते हैं की गाय हमारी माता है, लेकिन सब जानते हैं की गाय हमारी मतदाता नहीं है। इसलिए खर्चा नहीं करते। चुनाव के समय केवल मतदाता ही भगवान होता है। उसी का ध्यान लगाया जाता है। अब तक तो ऐसा ही देखा है। पहली बार कोई मुख्यमंत्री है जो कह रहा है की बरसात से पहले सड़क पर एक भी लावारिस गाय नहीं रहने दूंगा। उनके पौष्टिक भोजन के लिए भत्ते की रकम दोगुनी कर दी। जोर देकर कहा कि, सबको अपने घर में गाय का पालन करना चाहिए। मेरे पिता वृद्धावस्था में भी गाय की सेवा करते हैं, लेकिन जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ा। एक मुख्यमंत्री होने के नाते, गायों की देखभाल के लिए वही इंतजाम करने का प्रयास कर रहे हैं, जो माता की देखभाल के लिए करना चाहिए। शायद यही डॉ मोहन यादव की पहचान है। ✒️ उपदेश अवस्थी .

भोपाल में आयोजित गौ-रक्षा संवाद में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की घोषणाएं

  • प्रदेश में संचालित गौ-शालाओं को श्रेष्ठ संचालन के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
  • भारतीय नव वर्ष अर्थात इस चैत्र माह से अगले वर्ष तक वह गौ- वंश रक्षा वर्ष मनाया जाएगा।
  • चरनोई की भूमि से अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
  • सड़कों पर गाएं दुर्घटना का शिकार होती हैं। प्रति 50 किलोमीटर पर ऐसी व्यवस्था होगी कि घायल गाय को इलाज के लिए आसानी से ले जाया जा सके। हाईड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल का टोल व्यवस्था के अंतर्गत प्रबंध किया जाएगा।
  • गौ-शालाओं को प्रति गाय 20 रुपए के स्थान पर 40 रुपए की राशि देय होगी।
  • चारा या भूसा काटने के लिए प्रयुक्त होने वाले उपकरण पर अनुदान की व्यवस्था होगी। इसके लिए पंचायतों को आवश्यक सहयोग किया जाएगा।
  • अधूरी गौ-शालाओं का निर्माण पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए मनरेगा से भी राशि का उपयोग होगा। नई गौ-शालाएं भी प्रारंभ की जाएंगी।
  • गौ-वंश विहार विकसित किए जाएंगे। 

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